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दिल्ली में फिर से कोरोना का खतरा! एक हफ्ते में 99 नए केस, क्या हालात बेकाबू हो रहे हैं?

कोरोना वायरस के बढ़ते मामले एक बार फिर डराने लगे हैं. राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के मामलों में उछाल देखी गई है. दिल्ली में अभी कोरोना के 104 एक्टिव मामले. जबकि 19 मई तक दिल्ली में 24 एक्टिव केस थे और एक ही हफ्ते में 99 मामले बढ़ गए. हालांकि इस दौरान 19 मरीज रिकवर भी हुए. पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़े हैं वो चौंकाने वाले हैं.देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखें तो यह संख्या एक हजर के पार पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में आज सोमवार को 11 बजे तक कोरोना के 1009 मामले हैं. देश में सबसे अधिक कोरोना के एक्टिव मामले केरल में हैं और इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है. एक्टिव मामले में दिल्ली तीसरे नंबर पर आ गई है

दिल्ली सरकार ने जारी की थी एडवाइजरी

केरल में अभी कोरोना के 430 एक्टिव मामले हैं. जबकि महाराष्ट्र में 209 एक्टिव केस हैं. दिल्ली में एक्टिव केस की संख्या 100 के पार हो गई है और 104 तक पहुंच गई है. एक्टिव मामलों के लिहाज से गुजरात चौथे नंबर पर है और यहां पर अभी 83 कोरोना केस हैं. कर्नाटक और तमिलनाडु में भी कोरोना के 50 के करीब मामले सामने आ चुके हैं. तमिलनाडु में कोरोना के 69 एक्टिव मामले हैं जबकि कर्नाटक में 47 मामले हैं. इससे पूर्व दिल्ली सरकार की ओर से 3 दिन पहले कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई थी. इसके तहत अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों और वैक्सीन की तैयारियां रखने के निर्देश दिए गए. साथ ही सभी अस्पतालों से यह भी कहा गया कि अगर किसी मरीज की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आती है, तो उनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए LNJP अस्पताल भेजे जाएं.

झारखंड में भी नई लहर में कोरोना की एंट्री

इस बीच झारखंड में कोरोना की मौजूदा लहर में पहला मामला कल रविवार को राजधानी रांची में दर्ज किया गया. कुछ समय पहले मुंबई से लौटे एक व्यक्ति के कोविड से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति का रांची स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने इस बारे में बताया कि अभी भी मौजूदा लहर में रांची में कोरोना के पहले मामले की आधिकारिक पुष्टि हो गई है. मरीज की हालत स्थिर है और उनमें कोई अन्य जटिलता नहीं दिख रही है.

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