ग्रामीणों का कहना है ….. छत्तीसगढ़ बीजापुर मुठभेड़ में मारे गए लोग किसान थे न कि नक्सली
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सलियों के मारे जाने के दो दिन बाद ग्रामीणों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी और मारे गए लोग आम नागरिक थे l ग्राम के किसान थे। ग्रामीणों ने मिल कर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और मुठभेड़ में मारे गए लोगों के शव परिजनों को सौंप देने की मांग की l
ग्रामीणों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया मुठभेड़ के गवाह पीडिया गांव के निवासी गुरुनंद ने मीडिया में दावा किया, ग्रामीण तेंदू के पत्ते तोड़ने गए थे और जब सुरक्षाबल उनकी ओर बढ़े तो वे भागने लगे। गुरुनंद ने आरोप लगाया, जब वे डर से भाग रहे थे तो उन्हें सुरक्षाबलों ने मार गिराया l कोरचुली गांव के राजू ने कहा कि वे अपने रिश्तेदारों के शव की मांग करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय गए थे l
उन्होंने कहा, मारे गए लालू कुंजाम नक्सली नहीं बल्कि किसान थे l वह घर पर था और पुलिस को देखकर भाग रहा था, तभी उसे गोली मार दी गई l वहीं, पुलिस ने दोहराया कि मारे गए सभी लोग नक्सली थे l अधिकारियों ने दावा किया कि जब विद्रोहियों ने शुक्रवार को ऑपरेशन के दौरान जंगल में सुरक्षाबलों की हलचल देखी, तो उन्होंने अपनी वर्दी बदल ली और साधारण कपड़ों में स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिल गए l बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने कहा, मृतकों की पहचान कर ली गई है। इनमें से दो पर आठ लाख, दो पर पांच लाख और कुछ अन्य पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था l