भ्रष्टाचार’ की भेंट चढ़े पुलों कहानी : महज 3 साल में 9 बड़े ब्रिज हो गए धड़ाम
अररिया। सिकटी में करोड़ों की लागत से बना पुल ध्वस्त होकर जमींदोज हो गया है। लोगों की आशा भरी निगाहें इस पुल पर आवागमन की प्रतीक्षा कर रही थी। यह नवनिर्मित पुल भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सिकटी प्रखंड के ठेंगापुर पंचायत अंतर्गत आती है।
बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बना नवनिर्मित पुल उद्घाटन से पूर्व ध्वस्त हो गया। यह पुल बहुत जल्द उद्घाटन होने के बाद सिकटी और कुर्साकांटा प्रखंड को जोड़ने वाली थी।
सात करोड़ 79 लाख 60 हजार रुपये की लागत से बना इस पुल का निर्माण पहले बने पुल के एप्रोच पथ कट जाने के बाद कराया गया था। पुल के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की बात लोगों द्वारा बताई जा रही है।
इधर, विभागीय स्तर पर पुल के एप्रोच पथ बहाल करने की कवायद शुरू की गई थी। लेकिन उससे पहले ही पुल धराशायी होकर बिखर गया।
बिहार में पुलों के धराशाई होने का लंबा इतिहास है। केवल पिछले तीन साल का जिक्र करें तो तीन सालों में यहां नौ पुल धराशाई हो गए हैं। इसमें से कई पुल तो ऐसे रहे, जो निर्माण के दौरान ही ढह गए, जबकि कई उद्घाटन से कुछ दिन पहले।