बस्तर की पुरातन आदिवासी संस्कृति को सहेजने बृजमोहन ने दिया तोहफा
रायपुर । छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के साथ ही उसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाना हमारा मकसद भी है और संकल्प भी है। यह बात संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में बताया कि बस्तर में आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए सरकार ने बस्तर दशहरा, चितेकोट महोत्सव, रामा राम महोत्सव और गोंचा महोत्सव आयोजन की राशि को बढ़ाने की घोषणा की।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आदिवासियों के हितों का संरक्षण और उनकी संस्कृति की रक्षा के लिए भाजपा सरकार वचनबद्ध है। बस्तर की संस्कृति बहुत पुरातन और आदिवासी संस्कृति है जो आज भी अपने मूल स्वरूप में है। बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाला दशहरा विश्व प्रसिद्ध है जहां रावण दहन नहीं होता बल्कि आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। इस धरोहर को सहेज कर रखने के लिए विभाग ने बस्तर दशहरा के आयोजन के लिए प्रत्येक वर्ष 50 लाख रुपए देने का निर्णय लिए है। अभी तक यह राशि मात्र 25 लाख रुपए थी।
इसी प्रकार से चित्रकोट महोत्सव के लिए राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए और रामाराम महोत्सव के लिए 15 लाख रुपए, गोंचा महोत्सव के लिए धनराशि 5 लाख रुपए किए जाने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि इससे बस्तर की संस्कृति को जीवंत रखा जा सकेगा। आदिवासी समाज अपनी जीवन शैली और पहचान को बनाए रखे। आने वाले समय में बस्तर में नक्सलवाद सुनाई नहीं देगी। बल्कि वहां की संस्कृति, मांदर, ढोल की थाप गूंजेगी।
उन्होंने कहा कि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार केवल आदिवासियों के नाम पर उनका वोट लेने का काम करती रखी। इतना ही नही नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए जरूरी काम भी नही किया। अगर हम आदिवासियों की मूल संस्कृति को जीवित रखेंगे तो कोई उनको भटकाकर नक्सलवाद के गलत रास्ते पर नही ले जाएगा।
एमए करने वाले छात्रों लिए पीएससी व व्यापम के माध्यम से निकलेगी भर्तियां
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जानकारी दी कि, सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा स्नाकोत्तर डिग्रीधारियों को नौकरी के अवसर मुहैय्या कराएगी। जिन नौजवानों ने छत्तीसगढ़ी में एमए पास किया है उन लोगों के सीजीपीएसी और व्यापम के जरिए करने भर्ती परीक्षा आयोजित करने की तैयारी है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने केवल छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी की बात की है उसके लिए कोई काम नहीं किया।
अगले 6 महीने में स्कूल शिक्षा में प्रमोशन की गतिविधियों को पूर्ण करने की कोशिश रहेगी
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ी संख्या में कई सालों से सहायक शिक्षकों शिक्षकों, लैक्चरर की पदोन्नति नहीं हुई है। जिस कारण उनमें असंतोष है साथ ही विभाग में बड़ी संख्या में पद भी रिक्त है। जिसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि, प्रमोशन की जितनी भी गतिविधियां है उनको अगले 6 महीने में पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य में कई स्थानों पर स्कूल की इमारत या तो बहुत जर्जर हो चुकी है या इमारत ही नहीं है। ऐसे में अगले 5 सालों में जर्जर इमारत का पुनर्निर्माण का काम किया जाएगा और जहां बिल्डिंग नहीं है वहां नई बिल्डिंग का निर्माण किया जायेगा। जिसके लिए डीएमएफ मद से राशि ली जाएगी। साथ ही राज्य के कॉरपोरेट्स से जनहित कार्य के लिए सीएसआर मद से इमारत के निर्माण में सहयोग के लिए अनुरोध किया जाएगा।