अफीम बुवाई के लिए लाइसेंस वितरण की प्रक्रिया शुरू
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में अफीम खेती के लिए नारकोटिक्स विभाग की ओर से लाइसेंस वितरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी के साथ ही किसान भी खेती की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में बीते वर्षों में 1998-99 के बाद से विभिन्न कारणों से कटे लाइसेंस भी मिले हैं। बता दें कि ये सीपीएस पद्धति में दिए जा रहे हैं।
बीते वर्ष कम औसत देने वाले किसानों को भी सीपीएस में लाइसेंस मिल रहे हैं। ऐसे में इस वर्ष फसल में चीरा लगाने वाले लाइसेंस की संख्या कम हुई है। वहीं सीपीएस पद्धति में अफीम लाइसेंस की संख्या बढ़ी है।
नारकोटिक्स विभाग के अनुसार बीते सालों में कुल 8 हजार 472 लाइसेंस दिए गए थे। इसमें सीपीएस पद्धति के 1766 लाइसेंस दिए गए थे। इस बार विभाग की ओर से कुल 9 हजार 175 लाइसेंस वितरित किए जा रहे है। इसमें चीरा लगाने के लाइसेंस 6 हजार 314 है। जबकि सीपीएस के तहत 1 हजार 838 लाइसेंस पिछले वर्ष के है। नए लाइसेंस 1 हजार 23 है। ऐसे में सीपीएस के तहत कुल 2 हजार 861 लाइसेंस दिए जाने है।
जिले में एक हजार 23 किसानों को लाइसेंस मिले है। इसमें प्रतापगढ़ खंड में 776 जबकि छोटीसादड़ी खंड में 247 किसानों को लाइसेंस मिलेंगे। बता दें कि इस वर्ष अफीम बुवाई के लिए लाइसेंस वितरित करने की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है। जिसमें किसानों को लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन देना है। मैसेज भी किसानों के मोबाइल में पहुंच जाएंगे।