विराट कोहली की वजह से खत्म हुआ युवराज सिंह का करियर, उथप्पा ने लगाए गंभीर आरोप; बोले- उसने रिक्वेस्ट की थी कि…
टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा है कि युवराज सिंह का करियर खत्म करने में विराट कोहली का बड़ा हाथ था। उनका कहना है कि जब युवराज कैंसर की लड़ाई लड़ने के बाद टीम में आए तो वह फिर ड्रॉप हो गए थे। उसके बाद जब विराट कोहली कप्तान बने तो युवराज सिंह फिर से टीम में वापसी करना चाहते थे, मगर कोहली पूरी फिटनेस के साथ ही उन्हें टीम में चाहते थे। उथप्पा ने उनपर आरोप लगाया कि कोहली ने युवराज सिंह को किसी भी तरह की कोई रियायत नहीं दी, यहां तक उन्होंने यह भी बताया कि युवराज सिंह ने उन्हें टेस्ट में दो अंक कम करने को कहा था, मगर इसके लिए भी विराट नहीं माने।
उथप्पा ने कोहली की कप्तानी के बारे में बात करते हुए अपनी बात को बेबाकी से रखा और बतों-बातों में युवराज को भारतीय टीम से बाहर करने के लिए उन्हें दोषी ठहराया।
रॉबन उथप्पा ने ललनटॉप से कहा, “युवी पा का उदाहरण लें। उन्होंने कैंसर को हराया और वह इंटरनेशनल टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने हमें वर्ल्ड कप जिताया, अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलकर दो वर्ल्ड कप जीते, लेकिन हमें जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। फिर ऐसे खिलाड़ी के लिए, जब आप कप्तान बनते हैं, तो आप कहते हैं कि उसके फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है और जब आपने उसे संघर्ष करते देखा है, तो आप उसके साथ रहे हैं। किसी ने मुझे यह नहीं बताया, मैं चीजों को देखता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “आपने उसे संघर्ष करते देखा है, फिर जब आप कप्तान होते हैं, तो हां आपको एक स्टैंडर्ड बनाए रखना होता है, लेकिन नियमों में हमेशा छूट होती है। यह एक ऐसा व्यक्ति है जो छूट का हकदार है क्योंकि उसने न केवल आपको टूर्नामेंट जीताया है, बल्कि उसने कैंसर को भी हराया है। इस मायने में उसने जीवन की सबसे कठिन चुनौती को हराया है। ऐसे व्यक्ति के लिए कुछ सवाल उठते हैं।”
उथप्पा ने कोहली पर आरोप लगाया कि उन्होंने युवराज को भारतीय टीम में वापसी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया और फिटनेस टेस्ट में उन्हें रियायत नहीं दी गई। केकेआर के पूर्व खिलाड़ी ने खुलासा किया कि युवराज ने फिटनेस टेस्ट के स्तर को दो अंक कम करने के लिए भी कहा था, लेकिन कोहली ने इससे इनकार कर दिया।
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, “इसलिए जब युवी ने दो अंक कम करने के लिए रिक्वेस्ट की तो उसे नहीं मिला। फिर उसने टेस्ट दिया क्योंकि वह टीम से बाहर था और वे उसे टीम में नहीं ले रहे थे। उसने फिटनेस टेस्ट पास किया, टीम में आया, टूर्नामेंट में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन उसे पूरी तरह से बाहर कर दिया गया। उसके बाद उसे कभी भी शामिल नहीं किया गया। जो भी लीडरशिप ग्रुप में था, उसने उसे शामिल नहीं किया। उस समय विराट लीडर थे और उनके मजबूत व्यक्तित्व के कारण सब कुछ उनके अनुसार हुआ, और उस समय सब कुछ उनके अनुसार हुआ।”