निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू
कवर्धा । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जनमेजय महोबे ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा 16 मार्च को हो चुकी है। घोषणा दिनांक से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। कलेक्टर ने आयोग द्वारा घोषित लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए घोषित समय सारणी की पूरी जानकारी दी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 06 राजनांदगांव के अंतर्गत कबीरधाम जिले में विधानसभा-71 पंडरिया एवं 72 कवर्धा के संपूर्ण क्षेत्र शामिल है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि कबीरधाम जिले के अंतर्गत जिले के दोनो विधानसभा-71 पंडरिया एवं 72 कवर्धा का लोकसभा निर्वाचन दूसरा चरण में संपन्न होगा। जारी समय सारणी अनुसार नाम निर्देशन की प्राक्रिया इस प्रकार होगी। आयोग से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र-06 के लिए अधिसूचना 28 मार्च को जारी होगा। नामांकन की अंतिम तिथि 04 अप्रैल, नामांकन पत्र की संवीक्षा 05 अप्रैल, नामांकन पत्र की वापसी 08 अप्रैल, मतदान की तिथि 26 अप्रैल और मतगणना की तिथि 04 जून 2024 और निर्वाचन प्राक्रिया समाप्ति तिथ 06 जून 2024 निर्धारित है। जिला निर्वाचन अधिकारी महोबे ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में मीडिया प्रतिनिधियों, मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों और विभाग प्रमुखों की अलग-अलग बैठक लेकर आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही निर्वाचन की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में अपर कलेक्टर अविनाश भोई, कवर्धा एसडीएम अनुपम टोप्पो, पंडरिया संदीप ठाकुर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती गीता रायस्त सहित मान्यता प्राप्त राजनितिक दलों के प्रतिनिधि, मीडिया के प्रतिनिधि और निर्वाचन से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि निर्वाचन के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए जिले में धारा 144(1) के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए गए है। चुनाव प्रक्रिया एवं चुनाव के दौरान भय एवं आतंक का वातावरण निर्मित नहीं हो सके तथा शस्त्रों का दुरूपयोग होने से रोके जाने के लिए शस्त्र लाईसेंसधारियों का शस्त्र थाना में जमा कराने के आदेश जारी कर दिया गया है। इसी तरह निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पोस्टर चिपकाकर, नारे लिखकर प्रतीकों की पेंटिंग आदि से निजी अथवा सार्वजनिक संपत्ति की विरूपण करने, अवांछित गतिविधियों को निर्वाचन के पूर्व से रोके जाने के लिए निर्देशों तथा विधिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया जा चुका है।
निर्वाचन प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से वाहनों पर रखे लाउडस्पीकर एवं पूर्ण रूप से स्थिर लाउडस्पीकर के अनुमति जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा दी जाएगी। जिले में सभायें, जुलूस आदि के आयोजन को प्रतिबंधित आदेश जारी किया जा चुका है। इसका उपयोग किए जाने के लिए संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी से अभिमत प्राप्त करने के पश्चात जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा अनुमति दी जाएगी। सभायें, जुलूस के लिए एक ही स्थान के लिए दो-तीन आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में पहले आए, पहले पाये की शर्त पर अनुमति दी जाएगी। यदि एक साथ दो-तीन आवेदन प्राप्त होता है, उस स्थिति में लाटरी सिस्टम से अनुमति दी जायेगी।
बैठक में बताया गया कि आदर्श आचरण संहिता में यह प्रावधान है कि राजनैतिक दल और अभ्यर्थी निजी जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचेंगे जो अन्य किसी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक गतिविधियों से नहीं जुड़ा है कोई भी अभ्यर्थी किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ाए या विभिन्न जातियों, समुदायों के बीच तनाव पैदा करे, वोट हासिल करने के लिए जाति या साम्प्रदायिक आधार पर कोई अपील नहीं करेगा।
चेकपोस्ट के माध्यम से रखी जाएगी निगरानी
कलेक्टर महोबे ने बताया कि स्वत्रंत निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन कार्य संपादित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के अनुपालन में जिले में एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी, वीवीटी और ईईएम निगरानी दल का गठन कर लिया गया है। जिले में एसएसटी के चेकपोस्ट बनाएं जा रहे है। सभी चेकपोस्टों के माध्यम से टीम द्वारा निगरानी रखी जाएगी।
पॉम्पलेट एवं पोस्टर्स का मुद्रण के संबंध में
पॉम्पलेट एवं पोस्टर्स का मुद्रण लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क में मुद्रण पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी निर्वाचन परिचय या पोस्टर मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा जिस पर इसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता ना दिया गया हो। कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी निर्वाचन परिचय या पोस्टर मुद्रित नहीं करेगा या करवाएगा जब तक की उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से जानता है उनके द्वारा सत्यापित इस आशय की घोषणा की दो प्रति मुद्रक को प्रदान नहीं की जाती, की प्रकाशक की पहचान क्या है। जब तक दस्तावेज के मुद्रण के बाद उपयुक्त समय अवधि के भीतर घोषणा की एक प्रति पोस्टर की एक प्रति सहित मुद्रित द्वारा नहीं भेज दी जाती।
शराब के बिक्री के संबंध में प्रतिबंध
बैठक में बताया गया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135ग में किसी भी मतदान क्षेत्र के भीतर किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय से पहले के 48 घंटे की समयावधि के भीतर कोई भी स्पिरिट वाली शराब या इस प्रकृति वाले अन्य पदार्थ को किसी होटल, भोजनालय, मधुशाला, दुकान या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान में बिक्री परिदान या वितरण नहीं किया जाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए शराब के उपयोग के रोकथाम के लिए अतिरिक्त उपाय अपनाते हुए शराब बनाने वाले अवैध कारखानों तथा अवैध बिक्री के संबंध में पता लगाने तथा निर्वाचन अवधि में अधिकृत दुकानों के द्वारा भी शराब की बिक्री पर विशेष नजर रखनी चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा में यह प्रावधान है कि मतदान केन्द्र से मतदाताओं को निःशुल्क रूप से लाने ले जाने के लिए अभ्यर्थी एवं उसके अभिकर्ता या अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा अभ्यर्थि या अन्य निर्वाचक अभिकर्ता की सहमति से वाहनों को किराये पर लेना या खरीदना या इस्तेमाल करना एक दण्डनिय अपराध होगा।
निर्वाचन के दौरान रोड़ शो के संबंध में
बैठक में बताया कि रोड़ शो से पहले सक्षम अधिकारी से अनुमति ली जायेगी। रोड़ शो में शामील होने वाले वाहनों और व्यक्तियों की संख्या पहले से सूचित की जायेगी। रोड़ शो से सड़क के आधे से ज्यादा चौड़ाई को नहीं घेरा जायेगा। इसके अलावा ई-रिक्शा सहित सड़क पर वाहनों की संख्या 10 तक सीमित रहेगी यदि संख्या 10 वाहनों की सीमा से अधिक है तो प्रत्येक 10 वाहनों के बाद काफिले में 100 मीटर का फासला रखा जायेगा। सार्वजनिक शो में पटाखे फोड़ना और हथियार ले जाने की अनुमति किसी परिस्थति में नहीं दी जायेगी। निर्वाचन आयोग के मौजूदा निर्देश के अनुसार और स्थानिय कानूनों और अदालति अदेशों यदि कोई हो के अधीन लाउड स्पीकर का उपयोग किया जा सकता है। रोड़ शो में जानवरों का प्रदर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बच्चों विशेष रूप से स्कूली बच्चों को स्कूल की वर्दी में रोड़ शो में भाग नहीं लेना चाहिए।
जिले में 804 मतदान केन्द्र, कुल मतदाताओं की संख्या 6 लाख 52 हजार 660
बैठक में बताया गया कि जिले में 804 मतदान केन्द्र हैं और कुल मतदाताओं की संख्या 6 लाख 52 हजार 660 है। इसमें 3 लाख 24 हजार 953 पुरूष मतदाता, 3 लाख 27 हजार 705 महिला मतदाता और 02 थर्ड जेंडर मतदाता है। इसमें 6 हजार 510 दिव्यांग मतदाता, 18 से 19 वर्ग के 23 हजार 312 युवा मतदाता और 85 वर्ष से अधिक वरिष्ठ नागरिक की संख्या 2 हजार 668 है। जिले में जेंडर रेसियों 1008 है। 100 वर्ष से अधिक मतदाताओं की संख्या 88 है।
क्या करें –
बैठक में बताया गया कि सभी दलों, अभ्यर्थीयों को निर्वाचन के समान अवसर सुनिश्चित करना तथा इन्हें सार्वजनिक स्थान जैसे मैदान, हेलीपेड, निष्पक्ष रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए। निर्वाचन के दौरान अन्य राजैतिक दलों और अभ्यर्थीयों की आलोचना केवल उनकी नितियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकार्ड और कार्यां तक सीमित रहना चाहिए। प्रस्तावित सभाओं के स्थान पर लागू प्रतिबंध या निषेध आदेश यदि कोई हो तो उसका पूर्ण सम्मान किया जायेगा छूट यदि आवश्यक हो, के लिए, समय रहते आवेदन किया जाना चाहिए प्राप्त किया जाना चाहिए। प्रस्तावित सभाओं के लिए लाउड स्पीकर या किसी अन्य सुविधा के लिए अन्य किसी सुविधा के प्रयोग के लिए किया जाना चाहिए। सभाओं में गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता ली जानी चाहिए। किसी भी जुलूस की शुरूआत और समाप्ति का समय और स्थान पहले से ही तय किया जाना चाहिए और अनुमति ली जानी चाहिए। जिन स्थानों से जुलूस गुजरना है में लागू यातायात विनियमों और प्रतिबंध आदेशों का पता लगाकर पूर्णतः पालन किया जाना चाहिए। शांतिपूर्ण और व्यस्थित मतदान सुनिश्चित करनें के लिए सभी अधिकारियों को सहयोग करना चाहिए। निर्वाचन अभियान में लगें सभी राजनितिक कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र लगाना चाहिए। अभियान अवधि के दौरान मतदान के दिन वाहनों के चलन का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। निर्वाचन संचालन संबंधित कोई भी शिकायत या समस्या निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, रिटर्निंग अधिकारी, जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट की संज्ञान में लाना चाहिए। यदि आप निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता या अभ्यर्थी या निर्वाचन अभिकर्ता नहीं हैं तो अभियान अवधि समाप्त होने के बाद तत्काल निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दें। राजनैतिक दल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति संस्था, कम्पनी को एक दिन में 10 हजार रूपये से अधिक का कोई भुगतान न किया जाये।
क्या न करें –
किसी भी सरकारी कामकाज में प्रचार अभियान, निर्वाचन अभियान नहीं किया जाना चाहिए। मतदाता को कोई प्रलोभन, वित्तीय लाभ या अन्यथा कुछ नहीं दिया जाऐगा। निर्वाचकों की जाति/सम्प्रदाय के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी, जिससे विभिन्न जातियों/समुदायों/धार्मिक/भाषाई समूहों के बीच मौजूदा मतभेद बढ़ सकते हों अथवा उनके बीच आपसी घृणा या तनाव पैदा हो सकते हों। दूसरे दल के किसी भी नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के किसी भी पहलू पर, जो सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े नहीं हैं, के बारे में अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं को आलोचना नहीं करने दी जाएगी। असत्यापित आरोपों के आधार पर या बयान को तोड़-मरोड़कर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने की अनुमति नहीं होगी। मंदिरों/मस्जिदों/चर्चों/गुरूद्वारों या किसी भी पूजा स्थल का भाषण, पोस्टर, संगीत आदि या निर्वाचन संबंधी कार्यों सहित निर्वाचन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मतदान में ऐसी गतिविधियां निषिद्ध है जिन्हें भ्रष्ट आचरण या निर्वाचन अपराध माना गया है जैसे रिश्वत देना, अनुचित प्रभाव डालना मतदाताओं को धमकाना, किसी अन्य मतदाता का मत डालना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय को समाप्त 48 घन्टे की अवधि के दौरान जनसभा करना और मतदाताओं को मतदान केन्द्र ले जाना और लाना। किसी व्यक्ति के मत के विरोध स्वरूप उसके घर के समक्ष प्रदर्शन या धरना या कोई गतिविधि नहीं की जाएगी। निर्वाचन के दौरान निर्वाचनों की सूचिता बनाए रखने और निर्वाचन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए, राजनीतिक दलों को सलाह दी जाती है कि वे नकद लेनदेन से बचें और अपने पदाधिकारियों, अधिकारियों, अभिकर्ताओं और अभ्यर्थियों को भारी मात्रा में नकदी न ले जाने का निर्देश दें। अन्य राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं या जुलूसों में कोई गड़बड़ी नहीं की जाएगी। जहाँ अन्य दल सभाएं कर रहे हों उस स्थान पर जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। जुलूस में शामिल व्यक्तियों को ऐसी कोई भी वस्तु साथ ले जाने की अनुमति नहीं होगी जिनका मिसाईल या हथियार के रूप में दुरूपयोग हो सकता है। अन्य दलों और अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों को हटाया या खराब नहीं किया जाएगा। मतदान के दिन, मतदान स्थल पर या मतदान केन्द्रों के पास पहचान पर्ची वितरण के रूप में पोस्टर, ध्वज, प्रतीक या किसी भी अन्य प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। लाउडस्पीकर, चाहे स्थिर हों या चले वाहनों पर हों, का इस्तेमाल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच नहीं किया जाएगा। संबंधित प्राधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बिना, सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों में लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। आम तौर पर, ऐसी सभाओं/जुलूसों को रात में 10ः00 बजे के बाद जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और ये स्थानीय कानूनों, क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की स्थानीय अपेक्षाओं और मौसम, त्योहारों, परीक्षा अवधि आदि जैसे अन्य प्रासंगिक बातों के अधीन होगी। निर्वाचन के दौरान किसी भी प्रकार की शराब का वितरण नहीं किया जाना चाहिए।