बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की राजनीति में डेब्यू हिट होगी या फ्लॉप, आज तय…
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की राजनीति में डेब्यू हिट होगी या फ्लॉप, यह आज तय होने जा रहा है। वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। हम आपको इस सीट पर मतगणना की हर जानकारी सबसे पहले देंगे। देश भर में ‘छोटी काशी’ के नाम से मशहूर हिमाचल प्रदेश के ‘मंडी’ सीट पर देशभर की निगाहें टिकी हैं। कंगना का मुकाबला कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह से हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। पहले कंगना रनौत की उम्मीदवारी और फिर उनको लेकर ‘मंडी’ पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद यह सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई।
कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों के बीच खूब टीका-टिप्पणी हुई। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया। कंगना रनौत ने कांग्रेस उम्मीदवार और सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को ‘शहजादा’ कहकर हमले किए तो जवाब में उन्हें ‘मोहतरमा’ कहकर जवाब दिया गया।
बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से खास मुकाम हासिल कर चुकीं कंगना रनौत की राजनीति में काफी रुचि रही है। उन्होंने भले ही चुनाव से कुछ दिन पहले ही भाजपा की सदस्यता ली, लेकिन वह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा की मुखर समर्थक रही हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता, मंडी को लेकर हुई आपत्तिजनक टिप्पणी पर सहानुभूति की कोशिश और राष्ट्रवाद के सहारे कंगना ने महौल को अपने पक्ष में रखने की पूरी कोशिश की। वहीं, वीरभद्र सिंह की राजनीतिक विरासत रखने वाले विक्रमादित्य सिंह ने एक तेज तर्रार नेता के तौर पर अपनी पहचान बना ली है। कुछ समय पहले ही उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया था। आइए हम आपको यहां बताते हैं मंडी सीट पर काउंटिंग का हर अपडेट….।
कंगना रनौत 25064 वोट से आगे चल रही हैं। उन्हें अभी तक 192183 वोट से आगे चल रही हैं। विक्रमादित्य सिंह को 167119 वोट मिले हैं।
कंगना रनौत 14869 वोट से आगे चल रही है। कंगना रनौत को अब तक 98149 वोट मिले हैं। विक्रमादित्य सिंह को 83280 वोट मिले हैं।
कंगना रनौत 10 हजार वोट से आगे
कंगना रनौत मंडी सीट से 10 हजार से अधिक वोट से आगे निकल गईं हैं। कंगना को अब तक 67345 वोट मिले हैं। विक्रमादित्य सिंह को 56857 वोट मिले हैं।
कंगना रनौत 5112 वोट से आगे निकल गईं हैं। अभी तक की गिनती में उन्हें 29554 वोट हासिल हुए हैं। जबकि विक्रमादित्य सिंह को 24442 वोट हासिल हुए हैं।
कंगना रनौत विक्रमादित्य के मुकाबले 2 हजार वोट से आगे निकल गईं हैं।
कंगना रनौत ने वापसी की। वह विक्रमादित्य से आगे निकल गई हैं। हालांकि, अभी मार्जिन अधिक नही है।
शुरुआती रुझानों में कंगना रनौत पिछड़ती दिख रही हैं। विक्रमादित्य आगे चल रहे हैं। हालांकि, अभी पोस्टल बैलेट को वोट गिने जा रहे हैं।
वोटों की गिनती शुरू
मंडी में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। कुछ ही देर में पहला रुझान सामने आ सकता है।
उपचुनाव में प्रतिभा सिंह को मिली थी जीत
उपचुनाव में कांग्रेस ने मंडी सीट भाजपा से छीन ली थी। कांग्रेस नेता और विक्रामादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
2019 में भाजपा को मिली थी जीत
2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यह जीत हासिल की थी। भाजपा नेता रामस्वरूप शर्मा ने जीत हासिल की थी। हालांकि, 2021 में उनका निधन हो गया।
पीएम मोदी ने भी किया कंगना के लिए प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कंगना रनौत के लिए प्रचार किया। उन्होंने 24 मई को मंडी में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कंगना रनौत पर विवादित टिप्पणी को लेकर कहा कि यह मंडी, छोटी काशी, हिमाचल और हिमाचल की हर बेटी का अपमान है।
विक्रमादित्य के क्षेत्र में ज्यादा मतदान
विक्रमादित्य सिंह के गृह क्षेत्र रामपुर में 74.3 फीसदी मतदान हुआ। विक्रमादित्य के इलाके में अधिक वोटों को कंगना के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। हालांकि, भाजपा नेता जयराम ठाकुर का सराज इस बार भी मतदान में सबसे आगे रहा। सराज में 79.22 फीसदी मतदान हुआ,ये मंडी संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा है।
सुक्खू सरकार में मंत्री हैं विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह अभी सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में मंत्री हैं। हालांकि कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती सुर अपना लिए थे। केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
कंगना के गृह नगर सरकाघाट में कम वोटिंग
कंगना रनौत के गृह क्षेत्र सरकाघाट में 67.58 फीसदी मतदान हुआ। कंगना चुनाव प्रचार के दौरान सरकाघाट की जनता से अपील करती रही कि यहांसे अधिक से अधिक वोटिंग यहां से ज्यादा से ज्यादा वोटिंग होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मंडी में 1 जून को हुई वोटिंग
मंडी लोकसभा सीट पर सातवें और सबसे आखिरी चरण में 1 जून को वोटिंग हुई। मंडी में 73 फीसदी से अधिक वोटर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।