मसूद अजहर को क्यों भारत के हमले में बच जाने का गम, बताया घर में कौन-कौन मारा गया

नई दिल्ली. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादियों की सबसे बड़ी फैक्ट्रियों पर मिसाइल से हमला किया है। भारत ने जिन 9 ठिकानों को निशाना बनाया, उसमें खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी शामिल है। 1999 के कंधार हाइजैक में भारत की जेल से छुड़ाए गए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यह पता चल गया है कि अपनों को खोने का गम क्या होता है।
खबर है कि उसके परिवार के कई लोग हमलों में मारे गए हैं। खुद अजहर ने एक बयान जारी करके बताया है कि उसकी बड़ी बहन और जीजा समेत परिवार के 10 लोगों की मौत हो गई है। अजहर ने अपने बच जाने का गम भी जाहिर किया है और इसकी वजह भी बताई है। निहत्थे और मासूम लोगों पर कायराना तरीके से हमला कराने वाले मसदू अजहर ने अपने जख्मों को अलग रंग देने की कोशिश की।
मसूद अजहर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उसके घर में 14 लोग मारे गए है। मसूद ने कहा, ‘यह वक्त सिर्फ गम का नहीं, बल्कि फक्र और सब्र का भी है। एक ही घर के इतने लोगों को वह मुकाम हासिल हुआ है, जो बहुत ही कम लोगों को नसीब होता है-अल्लाह के मेहमान बनना, शहादत का दर्जा पाना।’ अजहर ने कहा है कि हमले में उसकी बड़ी बहन, जीजा समेत अन्य रिश्तेदार मारे गए हैं। उसने कहा कि ये सब वो लोग हैं जिन्हें अल्लाह ने अपने खास मेहमानों की तरह बुला लिया।
हमले की डर से पहले ही किसी बिल में छिप चुके मसूद अजहर ने पीएम मोदी पर अपनी बौखलाहट जाहिर करते हुए कहा,’बुजदिल मोदी ने मासूम बच्चों, पर्दानशीं और महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाया है।’ दुनिया के बेहद खूंखार आतंकियों में शामिल मसूद अजहर ने कहा कि उसके परिवार के लोगों को अल्लाह ने वह दर्जा दिया जिसे हर मोमिन चाहता है-शहादत।
मसूद अजहर ने आतंकी गुनाहों की सजा को ‘शहादत’ का लबादा ओढ़ाने की कोशिश करते हुए दुख जाहिर किया कि इसे यह मौका नहीं मिला। उसने लिखा,’इन मासूमों का जाना दुखद है, लेकिन उनका मुकाम बहुत ऊंचा है। बार-बार दिल चाहता है कि काश मैं भी इस ’14 शहीदों’के काफिले का हिस्सा होता। लेकिन अल्लाह का तय किया वक्त कभी आगे-पीछे नहीं होता।’