खीरे को काटकर रगड़ना क्यों है जरूरी? ये 5 फायदे जान कर आप भी जरूर करेंगे ये काम

गर्मियों में खीरा हम सबकी डाइट का बड़ा अहम हिस्सा बन जाता है। इसका रिफ्रेशिंग स्वाद गर्मी से राहत देता है और शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है। रायते से ले कर सलाद तक, खीरे का इस्तेमाल कई जगह किया जाता है। हालांकि आपने नोटिस किया होगा कि खीरे को काटते हुए उसके दोनों सिरों को सबसे पहले काटा जाता है और फिर रगड़ा जाता है। घर में दादी-नानी अक्सर ऐसा ही करती हैं और हम भी उन्हें देखकर यही आदत अपना लेते हैं। लेकिन इसके पीछे क्या वजह और वाकई इससे कुछ फायदा होता भी है या नहीं, इस पर शायद आपने कभी गौर किया हो। मोटा-मोटा यही कहा जाता है कि ऐसा करने से खीरे की कड़वाहट कम होती है। तो चलिए जानते हैं ऐसा करना क्यों जरूरी है और क्या वाकई इसके फायदे होते भी हैं या नहीं।

कड़वाहट होती है दूर
आपने सुना होगा कि खीरे के सिरों को रब करने से उसकी कड़वाहट कम होती है। साइंस भी यही मानता है। दरअसल खीरे में ‘कुकुर्बिटासिन’ नाम का एक नेचुरल कंपाउंड मौजूद होता है, जो कड़वाहट के लिए जिम्मेदार होता है। ये सबसे ज्यादा मात्रा में खीरे के सिरों पर ही मौजूद होता है। ऐसे में जब आप इन्हें काटकर रगड़ते हैं तो सफेद झाग के रूप में ये निकल जाता है और खीरे की कड़वाहट थोड़ी बैलेंस हो जाती है।
पचाने में भी होता है आसान
खीरे में मौजूद ‘कुकुर्बिटासिन’ नामक कंपाउंड ना सिर्फ खीरे को कड़वा बनाता है बल्कि पाचन में भी दिक्कत पैदा कर सकता है। खासतौर से जिन लोगों को पहले ही गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्या बनी रहती हैं; उनके लिए ये और भी ज्यादा मुश्किल पैदा कर सकता है। ऐसे में बेहतर है कि खीरे के सिरों को रब कर दिया जाए। इससे कुकुर्बिटासिन की मात्रा कम होती है और खीरा पचाने में आसान बन जाता है।
एलर्जी और स्किन इन्फेक्शन से करे बचाव
कुछ लोगों को खीरा खाने से स्किन एलर्जी या खुजली और रैशेज की समस्या हो सकती है। खासतौर से अगर खीरे को छिलके सही खाया जाए तो सेंसेटिव स्किन वाले कुछ लोगों को रिएक्शन देखने को मिल सकता है। खीरे के सिरों को रगड़कर खाने के बाद, उनमें मौजूद नेचुरल टॉक्सिन रिमूव हो जाते हैं। जिससे ये स्किन फ्रेंडली हो जाता है और स्किन को कोई भी समस्या नहीं होती।
टॉक्सिन और पेस्टीसाइड को करे रिमूव
खीरे के सिरों को रब करने से उसमें मौजूद नेचुरल टॉक्सिंस रिमूव होते हैं, जिससे खीरा और भी ज्यादा हेल्दी हो जाता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ये खीरे को अंदर से क्लीन करने का प्रॉसेस है। ऐसा करने से खीरे में मौजूद पेस्टीसाइड और खतरनाक केमिकल भी कुछ हद तक निकल जाते हैं। हालांकि ये बात अभी पूरी तरह साइंटिफिकली प्रूवन नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि खीरे में मौजूद नेचुरल टॉक्सिंस को रिमूव करने में ये तरीका बहुत इफेक्टिव होता है।
बेहतर होता है खीरे का स्वाद
खीरे के सिरों को आपस में रगड़ने से उसका नेचुरल मीठा स्वाद और क्रंच उभरकर आता है। दरअसल जब आप ऐसा करते हैं तो खीरे से सफेद झाग निकलता है। ये सफेद झाग ही कड़वेपन और खीरे के कच्चे स्वाद के लिए जिम्मेदार होता है। खीरे के सिरों का टेक्सचर भी काफी फाइबर जैसा होता है। ऐसे में जब आप इन्हें काटकर अलग कर देते हैं, तो पूरे खीरे का स्वाद एक जैसा हो जाता है और उसका फ्लेवर और टेक्सचर दोनों इंप्रूव हो जाते हैं।