15 करोड़ के ऑफर वाले दावे के क्या सबूत? जांच को केजरीवाल के घर पहुंची ACB; AAP बोली- बिना नोटिस के आ गए

नई दिल्ली. दिल्ली चुनाव नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों को 15 करोड़ का ऑफर देने के पार्टी के दावों पर हंगामा मच गया है। एक तरफ एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची थी तो वहीं एक टीम एसीबी रके दफ्तर में संजय सिंह का बयान दर्ज किया। इस बीच अरविंद केजरीवाल के वकील और पार्टी का कहना है कि एसीबी की टीम बिना किसी नोटिस के ही केजरीवाल के घर आ गई।
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, भाजपा अपनी हार से बौखला गई है। वे कल के नतीजों से पहले किसी तरह अरविंद केजरीवाल को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। एसीबी टीम के पास न तो कोई कानूनी नोटिस है और न ही उनके पास कोई मोहर है। संजय सिंह भाजपा के खिलाफ हमारी शिकायत दर्ज कराने के लिए एसीबी कार्यालय में हैं। बिना किसी कागजात के यहां आने का क्या मतलब है।
आम आदमी पार्टी के लीगल हेड संजीव नासियार ने कहा, पिछले डेढ़ घंटे से ACB की टीम यहां पर बैठी हुई थी। जब वे यहां आए तब उनके पास न कोई स्टैंप थी, न कोई पेपर था और न ही कोई नोटिस था। उन्होंने ऊपर से निर्देश लिए और 1.5 घंटे में नोटिस बाहर से तैयार होकर मंगवाया गया। वे नोटिस तामील करके गए हैं जिसका हम जवाब देंगे।
एलजी वीके सक्सेना ने दिए थे जांच के आदेश
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के उन आरोपों की एसीबी से जांच कराने के आदेश दिए थे जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसके उम्मीदवारों को लालच देकर अपने पाले में करने का आरोप लगाया गया था।
जांच का यह आदेश दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले आया है। दिल्ली में पांच फरवरी को विधानसभा चुनाव हुआ था। पराज्यपाल कार्यालय ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘आप यह आरोप लगा रही है कि भाजपा उसके विधायकों को पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए रिश्वत की पेशकश कर रही है। उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि इस मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए एसीबी के माध्यम से गहन जांच की जानी चाहिए।’’
मुख्य सचिव को यह निर्देश भाजपा की दिल्ली इकाई के महासचिव विष्णु मित्तल द्वारा उपराज्यपाल कार्यालय को दिए गए ज्ञापन के बाद दिया गया।
मित्तल ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं और इनकी तत्काल जांच की आवश्यकता है। हालांकि, उन्होंने अपने दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत या साक्ष्य जैसे कि फोन कॉल या इसमें शामिल व्यक्तियों का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप एसीबी या किसी अन्य जांच एजेंसी को प्राथमिकी दर्ज करने और सात मौजूदा आप विधायकों को 15-15 करोड़ रुपये की कथित पेशकश के संबंध में विस्तृत जांच करने का निर्देश दें।’’
केजरीवाल का क्या आरोप
गुरुवार को केजरीवाल ने भाजपा पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले पार्टी के 16 उम्मीदवारों को खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि आप उम्मीदवारों को पाला बदलने पर भाजपा की ओर से मंत्री पद और 15-15 करोड़ रुपये मिलने का प्रस्ताव मिला है। इसी तरह के आरोप आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अन्य नेताओं ने भी लगाए हैं।
केजरीवाल के दावों को दोहराते हुए सुल्तानपुर माजरा से आप उम्मीदवार और दिल्ली के मंत्री मुकेश अहलावत, साथ ही द्वारका से आप के मौजूदा विधायक और उम्मीदवार विनय मिश्रा ने दावा किया कि उन्हें भी इस तरह का प्रस्ताव मिला है।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान हुआ था और शनिवार को मतों की गिनती होगी। नतीजे यह निर्धारित करेंगे कि आप लगातार तीसरी बार सत्ता में आती है या राष्ट्रीय राजधानी पर शासन करने का भाजपा का 27 साल का इंतजार खत्म होता है।