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विष्णुदेव साय सरकार आज पेश करेगी बजट, ओपो चौधरी देंगे 2025 का डिजिटल बजट

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार आज बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री ओपो चौधरी दूसरी बार 3 मार्च 2025 को दोपहर साढ़े बारह बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे। वो पिछले साल की तरह इस बार भी डिजिटल माध्यम से टैबलेट से बजट पेश करेंगे। छत्तीसगढ़ के तीसरे वित्त मंत्री चौधरी ने 9 फरवरी 2024 को पेपरलेस बजट सदन में प्रस्तुत किया था जिसे लेकर तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने सवाल खड़े किये थे। बाद में बीजेपी के सीनियर मंत्रियों की ओर से चौधरी के बचाव में आने पर मामला किसी तरह से शांत हुआ था। पिछला बजट 1 लाख 47 हजार 500 करोड़ का था, जिसमें पीएम मोदी की गारंटी और छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकसित राज्य बनाने का वादा किया गया था। 

इस बार बजट का आकार बढ़ेगा और यह विकसित छत्तीसगढ़ की ओर ले जाने वाला होगा। यह प्रदेश का 24वां बजट होगा। इस बार का बजट लगभग 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। पिछले साल के 1 लाख 47 हजार 500 करोड़ की तुलना में लगभग 10 फीसदी ज्यादा हो सकता है।

ये है उम्मीद
उम्मीद है कि साय सरकार इस बजट में महिलाओं, युवाओं, छात्रों के लिए नालंदा परिसर, किसानों और आदिवासी वर्ग के लिए खास एलान कर सकती है। वहीं सरगुजा और बस्तर संभाग के विकास, पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सरकार फोकस कर सकती है। महतारी वंदन योजना का दायरा बढ़ सकता है। 

वर्ष 2000 में पेश हुआ था छत्तीसगढ़ का पहला बजट
छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहला बजट साल 2000 में पेश किया गया था। उस समय बजट का आकार सिर्फ 5 हजार 700 करोड़ रुपये था।

‘छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाला होगा इस बार का बजट’
बजट जारी होने से पहले रविवार को वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाला होगा। विकसित राष्ट्र, विकसित छत्तीसगढ़ बनाने वाला बजट होगा। GYAN का अगला स्टेप कल पेश होगा। यह बजट सभी वर्गों के लिए रहेगा। प्रेसवार्ता में मंत्री चौधरी ने कहा कि सरकार को लगभग सवा साल हो गया है। 3 मार्च को साय सरकार का दूसरा बजट पेश किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ के विकास को गति देने वाला होगा। पिछली बार की तुलना में इस बार का बजट बड़ा होगा।

विकासोन्मुखी होगा बजट: चौधरी
वित्त मंत्री ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री साय की नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं और मुख्यमंत्री साय भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस साल छत्तीसगढ़ के गठन के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं और यह अटल जी की जन्मशताब्दी का वर्ष भी है, ऐसे में बजट विकासोन्मुखी होगा। सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि किसानों को बोनस दिया गया, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई और कई अन्य योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की गईं। इस बार का बजट पिछले साल के बजट का अगला चरण होगा और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा।

उन्होंने पीसीसी चीफ दीपक बैज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बजट आया नहीं उसके पहले ये निंदा कर रहे हैं। ये उनकी नकारात्मक राजनीति का परिचय है। यही कांग्रेस की सोच है। दरअसल, बैज ने कहा था कल का बजट विनाश करने वाला बजट होगा। 

विनाश करने वाला होगा बजट: पीसीसी चीफ दीपक बैज 
पीसीसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के पास कोई नीति है ना विजन है। सरकार डेढ़ लाख करोड़ से ऊपर का बजट लाने जा रही हैं। डेढ़ साल में गांव के विकास के लिए डेढ़ करोड़ नहीं दिया। सरकार ने कोई नया काम नहीं किया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का कोई प्लान नहीं है। जनता का पैसा कहां जा रहा है? ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। 3 मार्च को जारी होने वाला बजट छत्तीसगढ़ के हित के लिए नहीं बल्कि विनाश के लिए होगा।

GYAN था पिछले बार बजट
चौधरी ने पिछले बजट को ज्ञान(GYAN)का बजट बताया था। ज्ञान यानी G-गरीबी, Y-युवा, A-अन्नदाता और N-नारी. इनके लिए इस बजट में 50 करोड़ की योजनाओं की घोषणा हुई थी। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी की थीम पर आधारित पिछला बजट 10 स्तंभों पर खड़ा था। इसमें रिफॉर्म, तीव्र आर्थिक विकास, अधिक से अधिक पूंजीगत व्यय करने, प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग और सेवा के क्षेत्र में नई संभावनाओं के साथ ही बस्तर, सरगुजा, निजी निवेश और छत्तीसगढ़ी संस्कृति विकास पर बल दिया गया था। इस बजट को अमृत काल के नींव का बजट कहा गया था।  1 नवंबर 2024 तक अमृतकल, छत्तीसगढ़ विजन 2047 का दस्तावेज तैयार करने की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्री ने कहा था कि इस विजन के लिए पहले मध्यावधि राज्य की जीएसडीपी को अगले 5 साल में दोगुना करना है। 2028 तक जीएसडीपी को 5 लाख करोड़ से बढ़कर 10 लाख करोड़ का टारगेट है।

पीएम मोदी की 11 गारंटी को पूरा करने का किया था वादा
वित्त मंत्री ने पीएम मोदी की 11 गारंटी को पूरा करने का भी वादा किया था। पिछले बजट में पीएम आवास योजना को 8,359 करोड़ ,महतारी वंदन योजना को 3000 करोड़, कृषक उन्नति योजना को 10000 करोड़, जल जीवन मिशन को 4500 करोड़, भूमिहीन मजदूर योजना के लिए 500 करोड़, रामलला दर्शन योजना के लिए 35 करोड़, राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 5 करोड़, इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ के आयोजन के लिए 5 करोड़, शक्तिपीठों के विकास के लिए 5 करोड़, उद्यान क्रांति योजना के लिए 5 करोड़ और बोरा तेंदू पत्ता संग्रह के लिए 5500 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया था।

पूर्व सीएम भूपेश ने किया था विरोध
छत्तीसगढ़ के तीसरे वित्त मंत्री चौधरी ने 9 फरवरी 2024 को पेपरलेस बजट सदन में प्रस्तुत किया था। जिसे लेकर तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने सवाल खड़े किये थे। बाद में बीजेपी के सीनियर मंत्रियों की ओर से चौधरी के बचाव में आने पर मामला किसी तरह से शांत हुआ था। बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी सरकार की कुछ योजनाओं का नाम बदलकर बजट पेश करने का आरोप लगाया था।भूपेश बघेल ने कहा था कि मोदी गारंटी का बोझ भाजपा पर भारी पड़ रहा है, कांग्रेस की योजनाओं को नया नाम देकर नई तरह से पेश कर दुर्भाग्य जनक घोषणाएं की गई हैं। 

जानें पिछले बार के बजट की खासियत 
वित्त मंत्री चौधरी के पिछले पेश किए गए बजट में महिलाओं की चार दर्जन योजनाओं को कम कर 10 कर दिया गया, वहीं 22 शहरों में नालंदा जैसी लाइब्रेरी खोलने का ऐलान किया गया था।
आदिवासी भाषा विकास परिषद बनाने की घोषणा भी बजट के दौरान की थी, जवानों को स्पाइक रेजीमेंट बूट देने का एलान भी बजट में किया गया था।
ग्राम पंचायत महिला सदन योजना, मुख्यमंत्री पर्यटन योजना और बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट बनाए जाने की घोषणा भी बजट में की गई थी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ओपी चौधरी के पिछले बजट को बिना किसी नए कर प्रावधान और मौजूदा करों के बिना वृद्धि के राजस्व बढ़ाने वाला बजट बताया था। साय ने कहा था कि यह बजट सरकार का विजन डॉक्यूमेंट है। 

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