राजभवन में लंबित आरक्षण विधेयक पर स्थिति स्पष्ट करे विष्णुदेव सरकार : कांग्रेस
रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की बदनीयती के चलते ही पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पारित 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक विगत 14 महीना से अधिक समय से राजभवन में लंबित है। भाजपाइयों के षड्यंत्र के चलते ही छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक अबादी को उनके शिक्षा और रोजगार के अधिकार को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले प्रावधान के 76 प्रतिशत आरक्षण से वंचित रखा गया है। भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 प्रतिशत आरक्षण, अनुसूचित जाति के लिए उनकी आबादी के अनुरूप 13 प्रतिशत आरक्षण और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान उस नवीन आरक्षण विधेयक 2022 में किया है। सभी वर्गो के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ईडब्ल्यूएस के लिए भी 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था उस विधेयक में है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के षडयंत्र और दुर्भावना के चलते ही राजभवन की आड़ में आरक्षण विधेयक को लंबित रखा गया है, अब तो प्रदेश में तथाकथित डबल इंजन की सरकार है, राजभवन में लंबित छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक पर अपनी स्थिती स्पष्ट करे विष्णुदेव साय सरकार।
दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी मूलतः सामाजिक न्याय की विरोधी है। विष्णुदेव साय सरकार यह नहीं चाहती की स्थानीय आबादी को उनका हक और अधिकार मिले। आरक्षण विरोधी भाजपाईयों के इशारे पर ही जन सरोकारों के महत्वपूर्ण, 76 प्रतिशत नवीन आरक्षण विधेयक को राजभवन में लंबित रखा गया है। सरकार बनते ही अडानी के मुनाफे के लिए तत्परता से हसदेव में जंगल कटवाने वाले भाजपाई, महामहिम से आरक्षण विधेयक का अनुमोदन करने की अपील करें, अन्यथा अपनी राजनैतिक पाखंड के लिए पौने तीन करोड़ छत्तीसगढ़िया जनता से माफी मांगे।
छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक 2022 के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए दीपक बैज ने कहा है कि सामाजिक न्याय और आम छत्तीसगढ़िया जनता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों के हक और अधिकार से संदर्भित महत्वपूर्ण नवीन आरक्षण विधेयक 2 दिसंबर 2022 से राजभवन में अनुमोदन के लिए आज तक लंबित है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बताएं कि महामहिम से उक्त 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर शीघ्र हस्ताक्षर करने की अपील कब करेंगे?