सियासी गलियारा

उपेन्द्र कुशवाहा दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर अपनी दावेदारी ठोक रहे

बिहार एनडीए में सीट-बंटवारे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा नाराज बताए जा रहे हैं। उपेन्द्र कुशवाहा दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर अपनी दावेदारी ठोक रहे थे। हालांकि, उन्हें सिर्फ एक सीट दिया गया। अब बताया जा रहा है कि मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ समझौता हो गया है। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के पार्टी प्रभारी विनोद तावड़े ने कुशवाहा से मुलाकात की और उनकी पार्टी को एक एमएलसी सीट की पेशकश की। 

सूत्रों ने बताया कि रामबली चंद्रवंशी के सदस्यता खोने के बाद बिहार एमएलसी की एक सीट खाली थी। बैठक के बाद तावड़े ने ट्वीट किया कि यह पहले से ही तय था कि 1 लोकसभा सीट के साथ-साथ 1 विधान परिषद सीट, जो अब खाली है, आरएलएम को आवंटित की जाएगी। आज मैंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष श्री उपेन्द्र कुशवाहा जी से मुलाकात की और इस प्रतिबद्धता पर कायम रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कुशवाहा लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से चुनाव लड़ेंगे क्योंकि नीतीश कुमार की जेडीयू ने अपनी काराकाट सीट आरएलएम को दे दी है।

इससे पहले सुबह, वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि असंतुष्ट सहयोगियों पशुपति कुमार पारस और उपेन्द्र कुशवाह के लिए विपक्षी ‘महागठबंधन’ के साथ जुड़ना “आत्मघाती” होगा। सिन्हा ने यह बयान केंद्रीय मंत्री पारस के इस्तीफे और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा की अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिया, जब एनडीए ने सोमवार को बिहार के लिए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा की। जनवरी में जेडीयू प्रमुख की एनडीए में वापसी के बाद डिप्टी सीएम बने सिन्हा ने कहा, “यह केवल बीजेपी ही है जो अपने सहयोगियों का सम्मान करना जानती है। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महसूस की है।”

Show More

Related Articles

Back to top button