UP News : ‘पवन यादव नाम है, इसीलिए फंसा दिया…’, अखिलेश यादव से मिलने के बाद बोला छेड़छाड़ का आरोपी
यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में पांच अगस्त को बारिश और जलभराव के दौरान हुड़दंगई का मामला सियासत में गर्म है। गुरुवार को इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक पवन यादव ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पवन यादव ने कहा कि उसका नाम पवन यादव था शायद इसीलिए उसे फंसा दिया गया। इस मामले में अखिलेश यादव ने पवन यादव के बेकसूर होने की संभावना जताते हुए पुलिस की कार्रवाई और विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मामले के कई आरोपियों में से सिर्फ दो (मुसलमान और यादव) आरोपियों का ही नाम लिए जाने पर सवाल उठाया था।
पवन यादव ने मीडिया से कहा, ‘मैं समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का शुक्रगुजार हूं। जब घटना हुई तो मैं वहां नहीं था। मैं इसमें शामिल नहीं था। आप कहते हैं कि आप इसमें नहीं थे लेकिन आपका नाम सार्वजनिक लिया गया, इस पर क्या कहेंगे? इस सवाल पर पवन ने कहा कि हां मैं दोषी नहीं था। मैं वीडियो में भी नहीं था लेकिन उनके पास जो नाम अधिकारियों ने भेजा होगा, उन्होंने लिया, उसमें वो भी कुछ नहीं कर सकते हैं। पुलिसवालों को पता तो था कि मैं नहीं हूं लेकिन मैं कैसे अपनी सच्चाई बताता। जो भी हो शायद मेरा नाम पवन यादव था इसीलिए फंसा दिया गया।’
अखिलेश यादव से क्या बात हुई? इस सवाल पर पवन यादव ने कहा कि अखिलेश जी ने कहा है कि अगर मैंने कुछ गलत नहीं किया है तो मुझे डरने की जरूरत नहीं है. मुझे बहुत बेहतर महसूस हुआ। एक सवाल के जवाब में पवन यादव ने कहा कि इस प्रकरण से मेरी बड़ी बेइज्जती हुई है। मुझे तो सुबह तक पता ही नहीं था कि मैटर क्या है? मैं न वीडियो में था, न ही वहां था। लेकिन मुझे उठा लिया गया। आपकी फोटो भी आई थी हाथ जोड़ते हुए? इस पर पवन यादव ने कहा कि वो तो फोटो जानबूझकर खिंचवाई गई थी। मुझसे कहा गया कि फोटो खिंचवा लो, तो मैंने खिंचवा ली। मुझे पता होता कि ये मामला है तो न खिंचवाता।
पवन यादव के मामले में सियासत गरमाने और अखिलेश यादव द्वारा मामला उठाए जाने के बाद यूपी पुलिस ने इस पर जवाब दिया है। पुलिस ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा कि पवन यादव के खिलाफ उपलब्ध सबूतों के आधार पर विधिपूर्ण कार्यवाही की गई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के खिलाफ स्थानीय स्तर पर पहले से तीन केस दर्ज हैं जिनमें आरोप पत्र प्रेषित हैं। वर्तमान मामले की जांच पुलिस कर रही है। सबूतों के आधार पर इसका निस्तारण किया जाएगा। इस मामले में अभी तक न तो आरोपी को पुलिस ने क्लीन चिट दी है न ही अदालत ने आरोप मुक्त किया है।