हमर छत्तीसगढ़

चंद्राकर हत्या केस में ट्विस्ट, चचेरा भाई निकला मुख्य आरोपी; जहां मारा वहीं करता था मुलाकात

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में बड़ा खुलासा किया है। मामले का मुख्य आरोपी मुकेश चंद्राकर का चचेरा भाई बताया जा रहा है। दरअसल हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से एक की पहचान रितेश चंद्राकर के रूप में हुई है। बीजापुर शहर में एक स्थानीय ठेकेदार के परिसर में बने सेप्टिक टैंक में शुक्रवार को 33 वर्षीय मुकेश चंद्राकर का शव बरामद किया गया था। मुकेश एक जनवरी की रात से लापता थे। जिले के पत्रकारों ने हत्या के विरोध में शनिवार को बीजापुर में एक दिन के बंद का आह्वान किया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हत्या के मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। इस बीच इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया गया उनमें से एक मुकेश चंद्राकर का कजिन भाई है। रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश ने हाल ही में बस्तर क्षेत्र में गंगालूर से हिरोली तक 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। इस प्रोजेक्ट का शुरुआती टेंडर 50 करोड़ रुपये का था लेकिन काम के दायरे में कोई बदलाव किए बिना इसे बढ़ाकर 120 करोड़ रुपये कर दिया गया था। कॉन्ट्रै्क्टर सुरेश चंद्राकर इस प्रोजेक्ट को हैंडल कर रहे थे। मुकेश चंद्राकर ने इस मामले में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया तो कॉन्ट्रैक्टर लॉबी में हलचल मच गई क्योंकि राज्य सरकार इस मामले में जांच शुरू करने वाली थी।

रिपोर्ट के मुताबिक इन सब के बीच रितेश चंद्राकर ने सुरेश और मुकेश की एक जनवरी की रात को कथित तौर पर एक मीटिंग कराई। रितेश चंद्राकर सुरेश चंद्राकर का भाई है। इस मीटिंग के बाद से मुकेश चंद्राकर लापता बताया गया। उसका फोन भी ऑफलाइन था। दो दिन बाद उसका शव सुरेश चंद्राकर की एक प्रॉपर्टी में बने सैप्टिक टैंक से बरामद किया गया। इसी जगह पर उसको आखिरी बार देखा गया था। रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मुकेश और रितेश के बीच अच्छी दोस्ती थी और दोनों आए दिन उसी जगह मिलते थे जहां मुकेश का शव मिला। हालांकि सड़क परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद दोनों की दोस्ती में खटास आ गई थी।

मुकेश चंद्राकर एनडीटीवी सहित कई समाचार चैनलों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते थे और एक यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ भी चलाते थे जिस पर लगभग 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं। मुकेश ने अप्रैल 2021 में बीजापुर के टेकलगुडा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इस घटना में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मुकेश के मोबाइल नंबर को ट्रेस करने पर पुलिस को जानकारी मिली कि मुकेश चंद्राकर ठेकेदार के परिसर में मौजूद थे। पुलिस ने शुक्रवार को चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद किया।

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