हज्जे बैतुल्लाह जाने वाले जायरीनों को दिया गया प्रशिक्षण
राजनांदगांव से 51, कबीरधाम से 12 तथा खैरागढ़ छुईखदान gandai से 3 हाजी हज्जन इस बार करेंगे मक्का मदीने की जियारत
छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी के तत्वावधान में प्रशिक्षण शिविर में सन् 2024 में हज यात्रा पर जाने वाले आजमीनों को हज का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें लोगों को हज कमेटी द्वारा किए गए इंतजाम और कुछ तबदीलियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। शिविर में हज्जे बैतुल्लाह जाने वाले जायरीनों ने प्रशिक्षण लिया।
दिनांक 5 मई 2024 को राजनांदगांव शहर के होटल एबीस ग्रीन में हज कमेटी के हज ट्रेनरों द्वारा हज यात्रा पर जाने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। शिविर की शुरुआत मास्टर्स ट्रेनर्स एवं सदस्य हज कमेटी कारी इमरान अशरफी साहब किबला ने तिलावते कुरान से की।
हज यात्रियों को संबोधित करते हुए राज्य हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी सचिव डॉक्टर साजिद अहमद फारूकी द्वारा हज यात्रा के इंतजामात का विस्तृत विवरण देते हुए सभी हज यात्रियों को मुबारकबाद दी।
इसमें हज ट्रेनर हाजी सैय्यद सलीम अशरफ द्वारा हज की एहमियत और उसे सही ढंग से करने का तरीका वीडियो पॉवर पाइंट द्वारा एक एक बिन्दु को गहनता से समझाया। इसके बाद एयरपोर्ट के नियम और सऊदी अरब में जो कानून है, उनकी जानकारी दी। हज यात्रियों को कांसिलेट जनरल ऑफ इंडिया, जद्दा द्वारा तैयारी की गई हज फिल्म भी दिखाई गई।
दिन भर चले इस प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता मो. असलम खान अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी ने किया। प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से डॉ. साजिद अहमद फारूकी साहब, श्रीमती डा. रूबीना अल्वी, सदस्य हज कमेटी, श्री शाहिद खान, अकरम कुरैशी उपस्थित रहे।
शिविर में मास्टर ट्रेनर्स एवं सदस्य हज कमेटी कारी मौलाना डॉ. इमरान अशरफी, हाजी अब्दुल रज्जाक, हाजी सैय्यद सलीम अशरफ, हाजी तौसीफ अहमद, हाजी राजिक अमजद , मुख्य वक्ता मौलाना व कारी इमरान अशरफी हज ट्रेनर्स एवं सदस्य हज कमेटी ने शिविर में शामिल 66 हज यात्रियों को हज्ज़े बैतुल्लाह जियारत रसूल अल्लाह और जियारत मदीना और जियारत मक्का व अरकाने हज के संबंध में प्रशिक्षण दिया।
गौरतलब हो, कि हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। हज एक वार्षिक पवित्र तीर्थयात्रा है जहां मुस्लिम भाईचारा भी प्रदर्शित होता है। हज यात्रा करने के उद्देश्य से सऊदी अरब जाने से पहले हज यात्रियों का प्रशिक्षण आवश्यक होता है। छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी के द्वारा प्रत्येक साल ‘आजमीने-हज’ के लिए प्रशिक्षण रखा जाता है। इस बार भी हज पर जाने वाले लोगों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस बार यहां खास बात ये रही कि हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किए गए हज सुविधा एप के संचालन का विशेष रूप से सभी को प्रशिक्षित किया गया।
आयोजित कार्यक्रम के तहत उमरा, हज, हज के 5 दिन, मदीना मुनव्वरा और मुकद्दस मकामात में न्यूनतम कठिनाइयों के साथ उपस्थिति के दौरान आवश्यक विभिन्न अनिवार्य रसम-श्रेष्ठ आचरण के लिए विस्तृत जानकारी और सलाह दी गई।
हज ट्रेनरों ने हज यात्रियों को मक्का और मदीना की यात्रा के दौरान रसद, हज के (धार्मिक) विधि, स्वास्थ्य मुद्दों, आवास, सुरक्षा प्रशिक्षण और अन्य चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। हज के अधिकांश धार्मिक क्रिया सिद्धांत असल में सैद्धांतिक के बजाय व्यावहारिक ज्यादा है। इसलिए, प्रशिक्षण कार्यक्रम में शंकाओं एवं जिज्ञासा को दूर करने के लिए सवाल-जवाब के सत्र भी हुए। जाने वाले हाजियों से अपने मुल्क में अमन, खुशहाली और तरक्की के लिए दुआ की दरख्वास्त की गयी।
प्रशिक्षण शिविर में मौजूद सभी हज यात्रियों को मास्टर ट्रेनरों ने हज का सफर शुरू करने से लेकर घर वापस आने तक की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। हज यात्रा के संबंध में सऊदी सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए सामान के बारे में जानकारी दी। साथ ही हैंड बैग व बुकिंग लगेज में रखे जाने वाले सामान के बारे में भी बताया गया। छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी के सदस्य ने हज यात्रियों को सचेत किया कि वे हज कमेटी आफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही सामान की पैकिंग करें। जांच के दौरान प्रतिबंधित सामान मिलने पर उसे निकालना पड़ेगा।