ज्यादा गरमी ले सकती है जान! डॉक्टरों ने बताया ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
बीते कई दिनों से अधिकांश भारत भीषण गरमी और लू की चपेट में हैं। राजस्थान में कई जगहों पर पारा 50 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं राजधानी दिल्ली समेत यूपी-बिहार के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री को पार कर गया है। ऐसे में डॉक्टरों का भी कहना है कि लू लगने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। ऐसे में धूप और गरमी में बाहर जाने से बचना चाहिए और पानी पीते रहना जरूरी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया कि ज्यादा गरमी और पानी की कमी होने से खून गाढ़ा हो जाता है। इसकी वजह से रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल में बीते सप्ताह इस तरह के तीन मामले आए थे। उन्होंने कहा कि ज्यादा गरमी की वजह से जान जाने का भी खतरा है।
एक्सपर्ट ने बताया कि हीट स्ट्रोक में हाथ ढीले हो जाता हैं। जबान लड़खड़ाने लगती है। इसके अलावा पानी की कमी होने की वजह से मुंह सूखने लगता है। मरीज को पेशाब कम या फिर नहीं होती है। डॉक्टर ने बताया कि तीन में से दो मरीजों को डिसचार्ज कर दिया गया है वहीं एक अभी ऐडमिट है। डॉक्टर ने बताया कि शरीर का तापमान जब 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा हो जाता है तब हीटस्ट्रोक का खतरा रहता है। ऐसे में नर्वस सिस्टम भी शिथिल हो जाता है।
डॉक्टर ने बताया कि हीटस्ट्रोक के बाद मरीज खाने पीने में असमर्थ हो जाता है। इस वजह से डिहाइड्रेशन बढ़ने से उसकी जान भी जा सकती है। इस परिस्थिति में तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। अगर मरीज कुछ निगलने में असमर्थ भी होता है तब भी अस्पताल में उसे पानी दे दिया जाता है। इससे स्थिति सुधरने में आसानी होती है।
एम्स दिल्ली में न्यूरॉलजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ. मंजरी त्रिपाठी ने कहा कि हीट स्ट्रोक की वजह से ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बना रहता है। पानी की कमी होने की वजह से खून दिमाग तक नहीं पहुंच पाता है। खून थक्का बनकर नसों में ही जम जाता है। ऐसे में रक्त का संचार बाधित होता है और हैमरेज भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि उन लोगों को खतरा ज्यादा होता है जो पहले से ही हाइपरटेंशन, डायबिटीज से ग्रसित होते हैं। इसके अलावा स्मोकिंग करने वालों, या शराब पीने वालों को भी खतरा ज्यादा होता है।