हमर छत्तीसगढ़

तातापानी महोत्सव के माध्यम से इस जगह को मिली पहचान, इसे विकसित करने मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा – स्वास्थ्य मंत्री

तातापानी को पर्यटन स्थल के रूप में किया जाएगा विकसित : कृषि मंत्री

तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

बलरामपुर-रामानुजगंज। प्रदेश के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ऐतिहासिक स्थल तातापानी में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव का रंगारंग समापन हुआ। महोत्सव का समापन समारोह लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मुख्य आतिथ्य तथा आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में हुई।

तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

समापन अवसर के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पूरे भारत में सिर्फ कुछ जगहों पर ही जमीन से गर्म पानी निकलता है। जिसमें हमारा तातापानी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ठण्ड के मौसम में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर तातापानी महोत्सव का आयोजन होने की बात ही अलग है। उन्होंने कहा कि इस मेले की पहचान अब सम्पूर्ण भारत वर्ष में हो चुकी है। यह क्षेत्र सदैव अग्रणी रहा है। कृषि मंत्री के नेतृत्व में तातापानी को विश्व के नक्शे पर लाने का अनोखा पहल इस महोत्सव के माध्यम से आगे जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल की है। तातापानी को पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है, अब तातापानी के इस जगह को विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, और आने वाले समय में तातापानी मेला अपनी अलग पहचान बनायेगा।

तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने इस अवसर पर कहा कि महोत्सव का आयोजन वृहद एवं भव्य रूप में हो सके इसके लिए 15 दिन पूर्व ही तैयारियां शुरु हो गई थी। उन्होंने कहा कि तातापानी में मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले मेले को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं इसलिए इस पवित्र जगह को शासन ने देश के नक्शे में लाने काम किया है। उन्होंने कहा कि इस जगह का विस्तारिकरण, सौंदर्यीकरण तथा अन्य विकास के कार्य कर तातापानी को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। कृषि मंत्री श्री नेताम ने कहा कि मकर संक्रांति पर जिले के विकास का रास्ता खुल गया है। अब हर क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं होगा तथा कोई क्षेत्र अब अछुता नहीं रहेगा।

तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन
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