मच्छरों से फैलती हैं ये सबसे गंभीर बीमारियां, इनसे बचने के लिए रहें सावधान
बारिश के मौसम में मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। ऐसे में कुछ बीमारी तो ऐसी होती हैं जिनके बारे में लोगों को काफी लेट पता चलता है, जिसकी वजह से उनकी मृत्यू तक हो जाती है। हर साल अगस्त माह की 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मच्छरों से होने वाली बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है।आइए जानते हैं मच्छरों से होने वाली बीमारियों के बारे में।
1) मलेरिया- मलेरिया सबसे फेमस मच्छर जनित बीमारियों में से एक है, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। यह प्लास्मोडियम जीनस के एककोशिकीय परजीवी के कारण होता है। परजीवी आमतौर पर मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। इस बीमारी के गंभीर मामलों में, लक्षणों में श्वसन संबंधी समस्याएं और ऑर्गन फेलियर भी शामिल है। इलाज न मिलने पर मलेरिया खतरनाक हो सकता है।
2) डेंगू- डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर रुके हुए पानी में पैदा होता है, अक्सर निर्माण स्थलों, गर्म पानी की टंकियों, स्विमिंग पूल, पौधों और लंबे समय तक अनुपचारित छोड़े गए कूड़े-कचरे में ये पनप सकता है।इसके होने पर एक हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक तेज बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द, आंखों में परेशानी और गंभीर मामलों में ब्लीडिंग बुखार या शॉक सिंड्रोम शामिल है।
3) जापानी एन्सेफलाइटिस- जापानी एन्सेफलाइटिस एक वायरल दिमाग संक्रमण है जो क्यूलेक्स मच्छरों से फैलता है। इसके गंभीर मामलों में दिमाग में सूजन हो सकती है और कोमा या मृत्यु हो सकती है।
4) येलो फीवर या पीला बुखार- ये एक वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर द्वारा फैलता है। इसके होने पर हल्का बुखार, ठंड लगना, भूख न लगना, मतली, पीठ में परेशानी, सिरदर्द और थकान से लेकर गंभीर पीलिया और आंतरिक ब्लीडिंग तक होता है। आमतौर पर पांच दिनों के अंदर ये समस्या ठीक हो जाती है। हालांकि, पीला बुखार भारत में नहीं होता है।
5) चिकनगुनिया- इस समसया के होने पर व्यक्ति को बुखार, जोड़ों में परेशानी और सूजन, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और दाने आदि हो सकते हैं। इससे संक्रमित होने के बाद व्यक्ति एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता है। हालांकि, इस बीमारी से हुई जोड़ों की परेशानी महीनों या सालों तक रह सकती है।
6) जीका वायरस- ये भी एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। गर्भवती महिलाओं और गर्भधारण की योजना बना रही महिलाओं को इस बीमारी से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इसमें डेंगू जैसे लक्षण दिख सकते हैं, जैसे बुखार, सिरदर्द, दाने, जोड़ों में दर्द और लाल आंखें।