मुख्तार अंसारी की कब्र पर मिट्टी डालने को लेकर अफजाल अंसारी और डीएम के बीच हुई तीखी बहस
नई दिल्ली: माफिया से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को शनिवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया लेकिन इसी बीच कब्रिस्तान में कौन प्रवेश कर सकता है, इसे लेकर उनके भाई अफजाल और जिला मजिस्ट्रेट के बीच कथित तौर पर बहस हो गई. मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के दौरान गाजिपुर जिले और आसपास के इलाके के कई लोग मौके पर पहुंचे. बता दें कि अंसारी की मौत गुरुवार को बांदा में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
लोकल सूत्रों के मुताबिक बहस तब हुई जब जिला प्रशासन ने एकत्रित भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते अंसारी की कब्र पर औपचारिक मिट्टी डालने के लिए लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने से रोक दिया. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें अफजाल यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, “आप किसी को भी मिट्टी डालने से मना नहीं कर सकते हैं”. इस पर गाजीपुर की डीएम आर्यका अखौरी ने कहा, “केवल परिवार के सदस्य मिट्टी डाल सकते हैं. लेकिन क्या अब पूरा शहर ही उन्हें मिट्टी अर्पित करेगा?” इस पर अफजाल अंसारी ने कहा, “जो भी मिट्टी डालना चाहता है वो मिट्टी डाल सकता है.”
जब डीएम ने जिले में लगाई गई धारा 144 का हवाला दिया और पूछा कि क्या इसके लिए कोई अनुमति मांगी गई है, तो अंसारी ने जवाब दिया, “धारा 144 (सीआरपीसी की) के बावजूद आप किसी को भी मुख्तार अंसारी की कब्र पर मिट्टी डालने से नहीं रोक सकते.” डीएम ने कहा कि इसकी वीडियोग्राफी कराई जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. स्थानीय प्रशासन ने अंसारी के आवास और कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को उस भीड़ को संभालने में कड़ी मेहनत का सामना करना पड़ा, जिन्होंने कब्रिस्तान में जबरन घुसने की कोशिश की थी. वाराणसी जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीयूष मोर्डिया व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए मोहम्मदाबाद में मौजूद थे. जनाजा जब कब्रिस्तान पहुंचा तो अफजाल अंसारी ने भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील भी की थी.
वाराणसी रेंज के डीआइजी ओपी सिंह के मुताबिक चप्पे-चप्पे पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है. अंसारी परिवार पुलिस का सहयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात से लोग इलाके में इकट्ठा होने लगे और यह सुनिश्चित करने के लिए घोषणाएं की गईं थी कि भीड़भाड़ न हो. भीड़ में कुछ लोगों के नारे लगाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी के परिवार के सदस्यों ने 40 से 50 लोगों की सूची दी थी, जिन्हें दफनाने के समय काली बाग कब्रिस्तान में रहने की अनुमति दी गई थी. अन्यों को बाहर ही रोक दिया गया था. ओपी सिंह ने बताया कि लोगों ने शांति का माहौल बना रखा था.