भारत

नए भारत में अपार ऊर्जा और अवसर हैं : बिरला

जेनेवा/नयी दिल्ली, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 149वीं अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) एसेम्बली में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल (आईपीडी) का नेतृत्व करते हुए कहा कि नए भारत में अपार ऊर्जा और अवसर हैं।
श्री ओम बिरला ने जिनेवा में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए भारत की सक्रिय भागीदारी के बारे में बात करते हुए कहा कि यह एसेम्बली न केवल भारत की संसदीय कूटनीति की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि साझा वैश्विक चुनौतियों के समाधान के उद्देश्य से वैश्विक संवाद में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करती है।
श्री बिरला ने भारतीय प्रवासियों के कौशल, प्रतिभा और प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि वे देश के ब्रांड एंबेसडर हैं और वे जिस देश में भी रहते हैं, वहाँ पारिवारिक संबंधों और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विविधता और समावेशिता ही भारतीय समुदाय की विशेषता है। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत द्वारा निभाई जा रही अग्रणी भूमिका का उल्लेख करते हुए इस आत्मविश्वास का श्रेय सशक्त नेतृत्व तथा भारतवासियों और प्रवासियों की शक्ति और सामर्थ्य को दिया।
श्री बिरला ने कहा कि जिनेवा में रह रहे भारतीय समुदाय ने अपने देश के लिए प्रेम के साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था तथा सांस्कृतिक विरासत में योगदान का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने भारत की समृद्ध परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एनआरआई समुदाय की सराहना की और कहा कि इससे विश्व में देश की छवि बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय, शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारतवंशियों की उपलब्धियों पर सभी भारतीयों को गर्व है।
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच गुटनिरपेक्षता और तटस्थता जैसे साझा मूल्यों पर आधारित दीर्घकालिक सौहार्दपूर्ण संबंधों की बात करते हुए श्री बिरला ने दोनों देशों के बीच सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्रों में भारत-स्विस सहयोग बढ़ रहा है। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच आर्थिक संबंधों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड सहित ईएफटीए देशों के बीच व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर, पारस्परिक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे युवा और तेजी से प्रगति कर रहे देशों में से एक, भारत में अपार ऊर्जा और अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में हुई प्रगति से 250 मिलियन लोगों की गरीबी दूर हुई है।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि हाल में भारत में हुए बदलावों का श्रेय विशेष रूप से रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में नई सोच और दृष्टिकोण को जाता है, श्री बिरला ने कहा कि भारत डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी है, जिससे समानता को बढ़ावा मिला है; भ्रष्टाचार कम हुआ है और साथ ही देश में विभिन्न क्षेत्रों में शोध और नवाचार में प्रगति हुई है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि भारत के स्टार्टअप और यूनिकॉर्न को विश्व में मान्यता प्राप्त हो रही है।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत का विकास आर्थिक आंकड़ों से कहीं बढ़कर है और इसमें ‘मेक इन इंडिया’,‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से ‘विकसित, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य प्राप्त करने के साथ समावेशी विकास की प्रतिबद्धता शामिल है, जिससे देशवासी अधिकारसम्पन्न होंगे और राष्ट की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा ।
श्री बिरला ने प्रवासियों को दशहरा और दिवाली की शुभकामनाएँ देते हुए अपनी बात समाप्त की ।
इस बीच विश्व की कई ससदों के अध्यक्षों ने श्री बिरला से मुलाकात की। जेनेवा में आयोजित इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन के सम्मलेन के दौरान जब विभिन्न राष्ट्रों के संसद प्रमुखों ने श्री ओम बिरला से मुलाकात की तो वे बातचीत के दौरान बिरला से उनकी कार्यप्रणाली का राज जानने को उत्सुक नजर आये। किसी ने उनसे पूछा उन्होंने संसदीय प्रणाली में सुधार कैसे किये, किसी ने जानना चाहा कि प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाने में वे नई तकनीकी को उपयोग कैसे ले पा रहे हैं। कोई उनकी सदन में चर्चा का समय बढ़ाने की उपलब्धि का कायल था, तो कोई सांसदों के साथ आत्मीय संबंध बनाने के गुर का!
श्री बिरला ने सेशेल्स की नेशनल असेंबली के स्पीकर से मुलाकात की। श्री बिरला ने सेशेल्स की नेशनल असेंबली के स्पीकर रोजर मैनसिएन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
सेशेल्स के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि दोनों देशों के संबंध परस्पर विश्वास तथा लोकतंत्र और समावेशिता के साझा मूल्यों की बुनियाद पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि भारत और सेशेल्स के बीच भागीदारी समानता, लोकतांत्रिक शासन प्रणाली, बाजार अर्थव्यवस्था और बहुलवादी समाज के साथ वैश्विक शांति के साझा उद्देश्यों से प्रेरित है।
श्री बिरला ने सेशेल्स के विकास और प्रगति में भारतीय प्रवासियों के प्रमुख योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने पूरी दुनिया में वसुधैव कुटुम्बकम की विरासत और भावना को कायम रखा है।
भारत और सेशेल्स की संसदों के बीच गहरे और सौहार्दपूर्ण संबंधों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि दोनों देशों के समग्र प्रयासों में लोकतांत्रिक मूल्यों का साझा दृष्टिकोण स्पष्ट है।
श्री बिरला ने दोनों देशों के बीच शिष्टमंडलों के नियमित आदान-प्रदान पर भी संतोष व्यक्त किया। उन्होंने 2017 में सेशेल्स संसदीय शिष्टमंडल की भारत की संसद की यात्रा का उल्लेख किया। श्री बिरला ने कहा कि दोनों देशों के संसदीय शिष्टमंडलों की यात्राओं से आपसी संबंधों को एक नया आयाम मिला है।
श्री ओम बिरला ने जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 149वीं एसेम्बली के अवसर पर ओमान स्टेट काउंसिल की कंसलटेटिव एसेम्बली के स्पीकर खालिद अल मावली से भी मुलाकात की।
इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि ओमान भौगोलिक दृष्टि से खाड़ी क्षेत्र में भारत का निकटतम पड़ोसी है तथा भारत और ओमान के बीच सदियों से गहरी मित्रता रही है, जो दोनों देशों के व्यापार, संस्कृति और समान प्राथमिकताओं में परिलक्षित होती है।
भारत में लोकतंत्र की सफल यात्रा और सुदृढ़ता का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने न केवल लोकतांत्रिक आचरण के उच्चतम मानदंडों को कायम रखा है, बल्कि पूरे विश्व के लिए नए प्रतिमान भी स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में मतदान केवल एक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र का महापर्व है। आज भारत न केवल दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहा है, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है।
भारत और खाड़ी देशों के बीच मैत्री के सेतु के रूप में कार्य कर रहे भारतवंशियों के बारे में बात करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि भारतीय मूल के लोग भारत और खाड़ी देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों और मैत्री का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच आपसी संवाद और सहयोग को बढ़ाने के लिए नियमित अंतराल पर उच्च स्तरीय चर्चाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक, आर्थिक और सामाजिक संबंध मजबूत हुए हैं और ऐतिहासिक संबंधों को भी नई गति मिली है । श्री बिरला ने दोनों देशों के बीच सर्वोत्तम संसदीय परंपराओं, प्रथाओं और कार्य प्रणालियों के आदान-प्रदान का आह्वान किया, जिससे लोकतांत्रिक प्रणाली को बेहतर और लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाने में मदद मिलेगी।
लोक सभा अध्यक्ष ने नामीबिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष से मुलाकात की
149वीं आईपीयू असेंबली के दौरान लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला ने नामीबिया की नेशनल असेंबली (SWAPO) के स्पीकर, श्री पीटर कजाविवि के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस अवसर पर श्री बिरला ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों ने उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष किया और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाई है ।
भारत की लोकतांत्रिक विरासत के बारे में बात करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत का संसदीय ढांचा समावेशिता, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि संसदें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय कूटनीति के माध्यम से दोनों देश विधायी प्रक्रियाओं, शासन और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा सकते हैं।
भारत और नामीबिया के बीच संसदीय सहयोग को और सशक्त करने का आह्वान करते हुए, श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि संसदीय पद्धतियों, प्रक्रियाओं और सर्वोत्तम विधायी प्रथाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग नई ऊंचाइयों को छुएगा।
श्री बिरला ने अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) की प्रेसिडेंट तुलिया एक्सन से भी मुलाकात की।
नयी दिल्ली में सुश्री एक्सन के साथ हुई पिछली मुलाकात का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने उन्हें अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के नेतृत्व के लिए बधाई दी और 149वीं एसेम्बली की सफलता की कामना की। श्री बिरला ने जनवरी 2023 में तंजानिया की अपनी पिछली यात्रा का भी स्मरण किया।
भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत के बारे में बात करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि भारत न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यहाँ सबसे अधिक भौगोलिक, धार्मिक, भाषाई, सांस्कृतिक और जातीय विविधता भी है। उन्होंने कहा कि सहिष्णुता और बहुलवाद के सिद्धांत भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और हमारी संसदीय प्रणाली के मार्गदर्शक हैं।
संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने बताया कि भारत की संसद के इस प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान ने 115 से अधिक देशों के सांसदों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने प्राइड की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए आईपीयू सदस्यों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संसाधन केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा।

Show More

Related Articles

Back to top button