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महाराष्ट्र के संत के पैगंबर पर बयान से देहरादून में उबाल, जुटे हजारों मुसलमान

हरादून, इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर कथित टिप्पणी के विरोध में रविवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सभा का आयोजन किया। मुस्लिम सेवा संगठन, जमीयत उलमा ए हिंद, इमाम संगठन की ओर से शान-ए-रिसालत सभा में हजारों की संख्या में समुदाय के लोग एकत्र हुए। 

उलमा और आयोजकों ने किसी भी धर्म या धर्मगुरु के खिलाफ टिप्पणी पर केंद्र सरकार से कड़ा कानून बनाने की मांग उठाई। तीन माह में ऐसा नहीं होने पर दिल्ली कूच का ऐलान किया गया। साथ ही महाराष्ट्र में जिस व्यक्ति ने अभद्र टिप्पणी की, उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई गई।

सभा की अध्यक्षता शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी, संचालन संरक्षक आसिफ हुसैन, महामंत्री सद्दाम कुरैशी, उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने किया। इस दौरान मौलाना अब्दुल मन्नान, सैय्यद अशरफ हुसैन कादरी, मुफ्ती हुजैफा, मुफ्ती ताहिर आदि मौजूद रहे।

बरेलवी-देवबंदी एक मंच पर: देवबंदी और बरेलवी फिरके के लोग एक मंच पर दिखाई दिए। नायब शहर काजी सुन्नी सैय्यद अशरफ हुसैन कादरी ने कहा कि नबी की मुहब्बत में सारे गिले-शिकवे भूलकर एक झंडे-डंडे के नीचे खड़े मिलेंगे। नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं होगी।

तिरंगे लहराए, शांति का पैगाम दिया: सभा में पहुंचे बड़ी संख्या में लोग तिरंगे लेकर आए थे। उलमा की अपील पर लोगों ने शांति का पैगाम दिया और अपने घरों को लौट गए।

संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी, उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने कहा कि जिस तरह लगातार इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है, यह एक एजेंडे के तहत किया जा रहा है। ऐसे लोग धार्मिक भावनाएं भड़काकर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। लेकिन अमन-चैन कभी खराब नहीं होने दिया जाएगा। ना ही इनके मंसूबे कामयाब होने देंगे।

पहले परेड ग्राउंड से डीएम कार्यालय तक रैली का कार्यक्रम था, लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर रैली को रद्द कराया और सभा कराई। वहीं, कई थानों की पुलिस मौके पर रही। ड्रोन से निगरानी हुई। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह एवं एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने ज्ञापन लिया।

इमाम संगठन अध्यक्ष एवं जमीयत के जिला सदर मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने कहा कि नबी की शान में गुस्ताखी करने वाले लोगों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करे। इसके लिए कड़ा कानून बनाया जाए। उन्होंने डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी के सहयोग की तारीफ की तो तालियां बजीं।

शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी तबीयत खराब होने के बावजूद पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने भी लहू देकर गुलशन को संवारा है। हक जितना तुम्हारा, उतना हमारा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की आजादी में हर धर्म का बराबर का सहयोग रहा। सभी धर्मों का लिहाज करना चाहिए।

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