कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हम उस पर अमल करें – साय
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कथा सुनने की सार्थकता तभी है जब हम अपने-अपने क्षेत्र में गौहत्या, धर्मांतरण तथा समाज में फैली अन्य कुरुतियों पर अंकुश लगाए और जो कुछ घट रहा है उसके खिलाफ एकजुट हो। यह बातें उन्होंने कुरुद में चल रही कथा वाचक प्रदीप मिश्रा की श्री गौरीशंकर शिवमहापुराण कथा में शामिल होते हुए कहीं। वे आज कथा श्रवण के लिए धर्मपत्नी कौशल्या साय के साथ पहुंचे हुए थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कथा वाचक प्रदीप मिश्रा का सम्मान किया।
कथा में उपस्थित श्रद्धालुजनो को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने 14 साल से अधिक वनवास काल उन्होंने छत्तीसगढ़ में बिताया है तथा के अलग-अलग क्षेत्रों में महादेव अलग-अलग नामों और रुपों में विराजमान है, यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है जो छत्तीसगढ़ के अध्यात्म के विकास में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। धर्मांतरण पर उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के नाम पर जो भी चल रहा है उस पर कैसे अंकुश लगाया जाए, कैसे उसकी दिशा बदली जाए इस पर कथा श्रवण के बाद लोगों को कार्य करने की आवश्यकता है तभी कथा श्रवण की सार्थकता सच्चे अर्थों में साबित होगी। न केवल धर्मांतरण बल्कि समाज में फैली अन्य कुरुतियों के खिलाफ भी आवाज उठाना हमारा ही एक दायित्व है।