बच्चे में ज्यादा दूध पीने की आदत बना सकती है ‘मिल्क एनीमिया’ का शिकार, जानें शरीर को होने वाली समस्याएं
बच्चा डेढ़ से दो साल का हो रहा लेकिन केवल दूध पर ही रहता है। कुछ भी खाता-पीता नहीं। अगर आपके बच्चे के साथ भी यहीं वाली सिचुएशन है तो इसे गंभीरता से लें। भले ही बच्चे की ग्रोथ के लिए दूध जरूरी है लेकिन केवल दूध सारे पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं कर सकता है। एक साल की उम्र पूरी होने के बाद बच्चे को अनाज, फल और दूसरे खाने-पीने की चीजों को भी खिलाना जरूरी होता है। बच्चा अगर केवल दूध पर ही सारा दिन गुजार देता है तो ये उसकी सेहत के लिए अच्छा नही है। ज्यादा दूध पीने से दो साल से ऊपर के बच्चों में कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
सबसे बड़ा कारण ज्यादा दिनों तक केवल दूध पर रहने की वजह से होता है मिल्क एनीमिया। बच्चे जब बाकी फूड्स को नहीं खाते और केवल दूध पर ही टिके रहते हैं तो इससे उनके अंदर आयरन की कमी पैदा होन लगती है। दूध में पाया जाने वाला मिल्क प्रोटीन कैसिन आयरन अब्जॉर्बन को ब्लॉक कर देता है। जिसकी वजह से एनीमिया की समस्या होने लगती है।
जिसे मिल्क एनीमिया भी बोला जाता है। बच्चे के अंदर हो रही एनीमिया की समस्या थकान और कमजोरी का कारण बनती है। इससे निपटने के लिए कई बार आयरन सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं लेकिन कई बार केवल दूध की मात्रा को कम करवाकर फूड्स खिलाने से भी ये समस्या ठीक होने लगती है।
जो बच्चे दो साल के हो रहे हैं और दूध की मात्रा ज्यादा पीते हैं तो उनमे कब्ज की समस्या भी पैदा होने लगती है। दरअसल, फाइबर की कमी की वजह से बच्चे को कब्ज होने लगती है।
फाइबर के साथ ही ज्यादा दूध पीने वाले बच्चे पानी भी कई बार कम पीते हैं। ऐसे में बच्चों को इररेगुलर बाउल मूवमेंट, दर्द की समस्या भी होने लगती है। डाइजेशन से जुड़ी इन दिक्कतों को दूर करने के लिए बच्चे को फल, सब्जियां, अनाज और पानी पिलाने पर ज्यादा फोकस किया जाए तो ये सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
बच्चा जब दूध पी लेता है तो उसे भूख कम लगना स्टार्ट हो जाती है। बच्चे को खाने में इंटरेस्ट जगाने के लिए उन्हें कई तरह के फूड्स खिलाने पर फोकस करना चाहिए।
कितनी मात्रा में दूध पिलाएं
एक से दो साल के बच्चे के लिए दो कप से लेकर सवा एक कप दूध पिलाया जा सकता है। वहीं बच्चा अगर दो साल से ऊपर का हो गया है तो उसे बस दो से ढाई कप दूध दिनभर में पिलाना चाहिए। इससे ज्यादा दूध बच्चों में जरूरी न्यूट्रिशन की कमी पैदा करने लगता है। वहीं 9 साल के ऊपर के बच्चों को दिनभर में 3 कप दूध ही देना चाहिए। साधारण शब्दों में कहे तो बच्चा एक साल से ऊपर का हो गया है तो उसे मात्र 709 मिलीलीटर दूध पिलाना चाहिए।