हाथरस. हाथरस में संत्संग के दौरान मची भगदड़ में तमाम लोगों ने अपनों को खो दिया, लेकिन मंगलवार को सिकंदराराऊ सीएचसी पर ऐसा मंजर भी देखने को मिला कि एक पिता अपने छह साल के बेटे की लाश को कंधे पर लेकर रोता बिलखता रहा। इस हादसे में वह अपनी पत्नी और इकलौते बेटे को खो चुका था।
पिलखना अकराबाद निवासी छोटे लाल संत्सग में आये भक्तों की सेवा में जुटा हुआ था। उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस सत्संग में अपने परिवार के साथ शामिल होने जा रहा है वह वहां अपने परिवार को खो दिया। छोटे लाल ने अपनी पत्नी मंजू और इकलौते छह साल के बेटे पंकज को प्रवचन सुनने के लिए भीड़ के बीच बिठा दिया। कार्यक्रम खत्म होने के बाद मंजू अपने बेटे को लेकर कार्यक्रम स्थल के बाहर निकल आई,लेकिन छोटे लाल भक्तों को सुरक्षित बाहर निकालने में लग गया।
इसी बीच भगदड़ मची और एक साथ चीख पुकार मच उठी। लोग भागने लगे तो एक दूसरे के ऊपर गिरना शुरु हो गया,लेकिन छोटे लाल को पता ही नहीं चला कि उसकी पत्नी और बेटे अब इस दुनिया में नहीं रहे है। जैसे ही छोटे लाल सीएचसी पर आया तो अपने बेटे और पत्नी की लाश देखकर उसकी चीख निकल पड़ी। अपने बेटे के शव को कंधे पर लेकर घूमता रहा और अपनों को फोन करके यह बताता रहा कि अब उसका बेटा और पत्नी इस दुनिया में नहीं रहते है। छोटे लाल का कहना है कि वह गांव में ही मजदूरी करता है। उसकी चार बेटी है और एक बेटा है। अब पत्नी और बेटे के जाने के बाद उसकी पूरी दुनिया ही उजड़ गई है।
प्रशासन पर खूब बिफरे लोग,हंगामा
सीएचसी पर कोई इंतजाम न होने के कारण लोग पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर खूब बिफरे। लोगों ने कहा कि यहां दो घंटे तक ष्घायल तड़प रहे है,लेकिन एक डॉक्टर तक नहीं है। कोई सुनने वाला नहीं है। अंधेर नगरी चौपट राजा है। किससे कहे। अगर सही समय पर लोगों को इलाज मिल जाता तो शायद तमाम लोगों की जिंदगी बच जाती,लेकिन प्रशासन की नाकामी के कारण लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।