हमर छत्तीसगढ़

खूंखार चलपति की जंगल में खूब चली, 30 साल राज; आधी उम्र की नक्सली संग रोमांस

रायपुर. छत्तीसगढ़ और ओडिशा बॉर्डर पर गरियाबंद जिले में मारा गया एक करोड़ का इनामी नक्सली बेहद खूंखार था। करीब 30 सालों तक जंगल में उसने नक्सली साम्राज्य को अपने मुताबिक चलाया। वह नक्सली संगठन में इतने ऊंचे पद पर था कि उसकी रक्षा के लिए 10 से 12 बॉडीगार्ड से घेरे रहते थे। इसमें कमांडर रैंक का कैडर भी शामिल रहता था।

चलपति नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी का मेंबर था और उसके पास छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश की कमान थी। नक्सल आंदोलन में चलपति की पहचान तकनीक प्रेमी के रूप में थी। 60 साल का चलपति एके-47 हथियार, मोबाइल, टैबलेट, रेडियो लेकर चलता था। चलपति बड़े कैडर का नक्सली था। नक्सलियों का नया कैडर खड़ा करने के लिए भी चलपति को जाना जाता था।

पुलिस अफसरों के मुताबिक आंध्र प्रदेश के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली में निवासी जयाराम उर्फ चलपति ने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव से ही पूरी की थी। चलपति 10वीं तक की पढ़ाई करने के बाद 1990 के दशक में प्रतिबंधित माओवादी संगठन से जुड़ गया। पढ़ा-लिखा होने की वजह से उसे सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनाया गया। जयाराम को तकनीकी कौशल का अच्छा ज्ञान था। छह साल पहले उस पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था, लेकिन उसकी गतिविधियों को देखते हुए इनाम एक करोड़ से ज्यादा हो गया। छत्तीसगढ़-ओडिशा के कई थानों का वह मोस्ट वांटेंट नक्सली था। चलपति के मारे जाने के बाद माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।

नक्सल हमलों की प्लानिंग में महारथ हासिल

पुलिस अफसरों के मुताबिक चलपति नक्सली नेता रामकृष्ण के संपर्क में आने के बाद संगठन से जुड़ा। चलपति के सार्प माइंड को देखते हुए उसे रामकृष्ण का सहायक बनाया गया। नक्सल नेता रामकृष्ण के सानिध्य में रहते हुए उसे जोन का सेक्रेटरी बनाया। इसके बाद उसे आंध्र और ओडिशा डिवीजन की कमान सौंपी गई। चलपति अभी पूरे पूर्व-दक्षिण जोन का काम देख रहा था। कुछ सालों से नक्सल मूवमेंट का वैचारिक काम भी चलपति के कंधों पर था। चलपति को नक्सल मूवमेंट का प्लानिंग बनाने में महारत हासिल थी। कब और कहां, कौन सा अटैक करना है वह चलपति तय करता था।

खुद से आधी उम्र की नक्सली साथी संग रोमांस

जयाराम उर्फ चलपति ने को जंगल में रहते हुए एक बेहद कम उम्र की नक्सली महिला से प्यार हो गया। वह उसके साथ रोमांस करने लगा। इसकी वजह से उसे एक साल तक सस्पेंड भी रहना पड़ा। दोनों की उम्र में करीब दोगुने का फर्क था। सन 2000-2001 के आसपास चलपति ने अरुणा से शादी की थी। दोनों की शादी करीब 16 साल तक चली। इस दौरान दोनों के कई बार सरेंडर करने की खबर सामने आई। दोनों ने नक्सल आंदोलन में रह कर ही अपने वैवाहिक जीवन को पूरा किया। चलपति नक्सलियों का ऐसा बड़ा लीडर था, जो पत्नी के साथ जंगल में ही रहता था। चलपति की पत्नी अरुणा ओडिशा में हुए एक एनकाउंटर में मारी गई थी। नक्सली अरुणा की मौत के 8 साल बाद अब खुद चलपति भी छत्तीसगढ़ के कुल्हाड़ीघाट में हुए एनकाउटर में मारा गया।

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