पावर कंपनी में पहली बार दौड़ा फायदे का करंट
रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य पावर वितरण कंपनी हमेशा से ही घाटे में रही है, लेकिन इतिहास में पहली बार पिछले सत्र की अंतिम तिमाही के साथ नए सत्र की पहली तिमाही में कंपनी को बड़ा फायदा हुआ है। हमेशा घाटे में रहने वाली कंपनी को इस साल की पहली तिमाही में 138 करोड़ का फायदा हुआ है। इसी तिमाही में पिछले साल 422.14 करोड़ का घाटा हुआ था। इस बार जहां कंपनी इस घाटे की भरपाई करने में सफल हुई, वहीं फायदे में भी पहुंच गई। इसके पहले पिछले सत्र की अंतिम तिमाही में भी 136 करोड़ का फायदा हुआ है। यानी लगातार दो तिमाही को मिलाकर 274 करोड़ का फायदा हुआ है। जबकि पिछले दो साल से टैरिफ में भी इजाफा नहीं किया गया है।
छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद 2009 में छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल को भंग करके भाजपा शासनकाल में पांच कंपनियों का गठन किया गया। इन कंपनियों के बनने के बाद जो विद्युत मंडल हमेशा फायदे में रहता था, वह लगातार घाटे में जाने लगा। ऐसा कोई साल नहीं रहा जिसमें कंपनी को फायदा हुआ हो। लेकिन अब 2022-23 की अंतिम तिमाही के साथ 2023-24 की पहली तिमाही ने इतिहास को बदलने का काम किया है। पहली बार कंपनी फायदे में रही है। पावर कंपनी से सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की बैठक में इसका पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया है।
ऐसे फायदे में पहुंची कंपनी
कंपनी को फायदे में लाने के लिए पहली बार ऐसा व्यवस्था की गई कि सरप्लस बिजली व्यर्थ न जाए। इसको तत्काल में बेचने की लगातार व्यवस्था की गई। इसी के साथ सेंट्रल सेक्टर से जो बिजली लेने का शेड्यूल रहता है, उसमें एक दिन पहले बताना पड़ता है कि कितनी बिजली लगेगी। अगर उतनी बिजली नहीं लगी तो बिजली वापस करने पर घाटा होता है। ऐसे में ऐसी बिजली को भी बेचने की व्यवस्था की गई। इसके अलावा पुराने राजस्व की वसूली में भी कड़ाई करते हुए राजस्व में इजाफा किया गया। इसी के साथ सबसे अहम निचले स्तर पर जो गड़बड़ियां रहीं हैं, उन पर लगाम लगाने का किया गया जिसका बड़ा फायदा हुआ है।
घाटे की लगी की याचिका
पॉवर कंपनी ने नए सत्र के लिए नियामक आयोग में जो याचिका लगाई थी, उसमें बताया गया था कि नए सत्र में 63 लाख उपभोक्ताओं को बिजली दी जाएगी। बिजली आपूर्ति करने के लिए औसत 3.71 रुपए की दर से 4083 करोड़ यूनिट बिजली की खरीदी की जाएगी। इसकी अनुमानित लागत 15179 करोड़ होगी। पॉवर कंपनी ने जहां अपना खर्च 15581 करोड़ बताया था, वहीं मिलने वाला राजस्व 19334.17 करोड़ बताया था। ऐसे में खर्च काटने के बाद कंपनी को 3763.03 करोड़ का फायदा बताया गया, इसी के साथ कंपनी ने यह बताया था कि 2021-22 के राजस्व की अंतर की राशि 6134.77 करोड़ है। ऐसे में कंपनी को 2371.73 करोड़ का राजस्व कम पड़ेगा। इतना होने के बाद भी कंपनी ने बिजली के टैरिफ में कोई भी बदलाव करने की जरूरत नहीं बताई थी, यही वजह है कि इस साल टैरिफ नहीं बढ़ा है, लेकिन पहली ही तिमाही में फायदा जरूर हो गया है।