बहुचर्चित इंटरसिटी होटल हत्याकांड का आरोपी फरार
बिलासपुर। बिलासपुर में बहुचर्चित इंटरसिटी होटल दोहरे हत्याकांड का कैदी फरार हो गया है। वह जेल से पैरोल पर छूटा था, जिसके बाद उसे जेल में सरेंडर करना था, लेकिन पैरोल खत्म होने के बाद वो फरार हो गया। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
जेल प्रशासन ने इंटरसिटी होटल दोहरे हत्याकांड के आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। आरोपियों ने होटल इंटरसिटी में बदमाशों ने मिलकर गोली मारकर जीजा-साले की हत्या कर दी थी।
2012 में हुई थी आजीवन कारावास की सजा
श्रीधर कुमार ध्रुव सेंट्रल जेल में मुख्य प्रहरी के पद पर कार्यरत है। उसने पुलिस को बताया कि डबल मर्डर केस में दयालबंद निवासी अजय उर्फ जीज्जी जायसवाल को साल 2012 में अपर सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वो जेल में सजा काट रहा था।
कोर्ट के आदेश पर उसे जनवरी में 92 दिन की आपात अस्थाई मुक्ति पर छोड़ा गया था। सजायाफ्ता कैदी को दो मई की शाम पांच बजे तक जेल में सरेंडर करना था, लेकिन वह जेल नहीं पहुंचा।
जेल प्रबंधन ने उसकी जानकारी जुटाई, तब पता चला कि वो फरार हो गया है। जिसके बाद मामले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस जुर्म दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है।
8 जून 2010 की रात जगमल चौक के होटल इंटरसिटी में दयालबंद निवासी गुड्डा सोनकर ((28 वर्ष)) व उसके जीजा ननका घोरे ((38 वर्ष)) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी दयालबंद के जय उर्फ गुड्डा जायसवाल पिता बजरंग प्रसाद ((30 वर्ष)), उसके भाई अजय उर्फ जिज्जी और विजय उर्फ हल्लो जायसवाल, मनोज पिता शंकर लाल अग्रवाल ((39 वर्ष)), ऋषिराज पिता अशोक मुखर्जी ((33 वर्ष)), उसके छोटे भाई सम्राट मुखर्जी ((29 वर्ष)) और हनी समदरिया ((35 वर्ष)) सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया था।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147,148, 149, 302, और आम्र्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।