हाथी प्रभावित सघन वन क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण, जंगल में हाथी कर रहे भ्रमण
कोरबा। हाथी प्रभावित सघन वन क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण प्रतिबंधित रहेगा। संग्राहक जंगल के भीतर न जाएं और हाथी से सुरक्षित रहें, इसके लिए वन विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। जंगल के भीतरी क्षेत्र की जगह उससे लगे मैदानी भाग के तेंदू के पौधों में शाखकर्तन किया जा रहा है। राज्य शासन ने तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2024 में कटघोरा व कोरबा वनमंडल में 1.29 लाख मानक बोरा संग्रहण लक्ष्य दिया है। तीन साल बाद तेंदूपत्ता की कीमत 4000 रूपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रूपये कर दी गई है। कीमत बढ़ने से संग्राहकाें में उत्साह देखा जा रहा है। जिले में 79 हजार हितग्राही परिवार तेंदूपत्ता संग्रहण से जुड़े हैं। पत्तों के दाम बढ़ने से पत्ता संग्रहण के लिए नए संग्राहक परिवार भी जुड़ने के लिए उत्सुक हैं।
मई माह से शुरू होने वाले संग्रहण कार्य के लिए वन विभाग ने शाखकर्तन की तैयारी शुरू करा दी है। कटघोरा वन मंडल सात वन परिक्षेत्र में विभाजित है। जिसमें 44 वनोपज संग्रहण समितियां कार्यरत है। कोरबा की तुलना में कटघोरा का क्षेत्र बड़ा होने के कारण यहां शाखकर्तन शुरू करा दी गई है। कोरबा में अभी वन समितियों को शाखकर्तन के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस वन मंडल के पांच वन परिक्षेत्रांे में 38 समितियां संगठित हैं। दोनों वन मंडल में तेंदूपत्ता संग्रहण के 688 फड़ बनाए गए हैं। जंगल में हाथियों की संख्या बढ़ चुकी है।
वर्तमान में केंदई रेंज में नौ और एतमानगर में 39 हाथी विचरण कर रहे हैं। संग्रहण के दौरान हाथी-मानव द्वंद्व की समस्या से निपटने के वन विभाग ने जंगल के भीतर शाखकर्तन पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिन पौधों में शाखकर्तन किया जाता है उसी में नए पत्ते आते हैं। जंगल के भीतर शाखकर्तन नहीं होने से तोड़ने लायक पत्ते तैयार नहीं होंगे, इस तरह संग्राहक जंलग में नहीं जाएंगे। साथ ही हाथी के अलावा भालू जैसे आक्रामक जानवर से भी सुरक्षित रहेंगे। किसी भी फड़ के आसपास हाथी आने की सूचना मिलते ही संग्रहण कार्य पर बंद करा दिया जाएगा।