कर्नल सोफिया पर अमर्यादित टिप्पणी का समर्थन! विजय शाह के सपोर्ट में उतरी यह महिला मंत्री

डिंडोरी। मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर अमर्यादित बयान दिया था। इस मामले को लेकर केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर की राजनीति गरमा गई है। एक ओर सेना का अपमान करने पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। तो वहीं दूसरी तरफ एमपी की ही महिला मंत्री प्रतिमा बागरी ने विजय शाह का समर्थन किया है।
मध्य प्रदेश की राज्य मंत्री व डिंडोरी जिले की प्रभारी मंत्री प्रतिमा बागरी ने विजय शाह को लेकर बड़ा बयान दिया हैं। बागरी ने मंत्री विजय के उस बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं, जिसमें उन्होंने देश की सेना में पदस्थ जाबाज बेटी और ऑपरेशन सिंदूर में आगे आकर दुश्मन पाकिस्तान को धूल चटाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी पर अमर्यादित बयान दिया था। डिंडोरी में मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि वास्तव में उनके बयान के जो शब्द है, वो अनुपयुक्त है। उन्होंने स्पष्टीकरण भी दिया है कि कहने का जो तात्पर्य था वो नहीं था। निश्चित दौर पर शब्दों की हेराफेरी जरूर हुई हैं, लेकिन उसमें कही अपमानित करने की मन से मंशा नहीं दिखी हैं। निश्चित तौर पर उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी हैं। बार-बार जहां जैसी स्थिति में उन्हें माफी मांगनी पड़े, वो माफी मांगने के लिए भी तैयार हैं, तो कही न कही यह भी दर्शाता है कि उनका कहने का उद्देश्य नहीं था। उसको प्रेजेंट गलत किया गया है। गलत वे पे दिखाया गया है जिसके लिए मंत्री विजय शाह माफी भी मांग चुके हैं।
आपको बता दें कि मंत्री विजय शाह के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज की गई है। सुप्रीम कोर्ट भी विजय शाह को फटकार लगा चुका हैं। मंत्री विजय के बयान को लेकर मध्य प्रदेश समेत देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा हैं। देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इस बीच राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, विजय शाह के समर्थन में उतरी है। देश की महिला मंत्री का समर्थन करना और विजय शाह पर एक्शन न होना, इस पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। प्रतिमा बागरी मध्य प्रदेश के सतना जिले की रैगांव सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। उन्हें एमपी सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया है। प्रतिमा बागरी पहली बार विधायक बनी हैं। हालांकि उन्होंने दूसरी बार विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसके पहले वह उपचुनाव लड़ चुकी थीं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।