सीने में अचानक उठा दर्द, अस्पताल के बाहर तोड़ा दम, समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत
रायपुर। राजधानी के माना सिविल अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से एक टैक्सी चालक उमाशंकर की मौत का मामला सामने आया है। लापरवाही से नाराज टैक्सी चालकों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। उनका आरोप था कि एयरपोर्ट प्रबंधन से सहयोग और सिविल अस्पताल माना में सही समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से उसकी मौत हुई है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चालक की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद हंगामा समाप्त हुआ।
जानकारी के अनुसार टैक्सी चालक सरायपाली निवासी उमाशंकर सोमवार को यात्री लेकर रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे थे। वहां अचानक सीने में दर्द उठा और बेचैनी महसूस हुई। एयरपोर्ट क बाहर साथी चालकों ने इसकी जानकारी एयरपोर्ट प्रबंधन को देकर चिकित्सक और एंबुलेंस की मदद मांगी।
कोई सहायता नहीं मिलने पर वे उमाशंकर को माना के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर चिकित्सक के अभाव में टैक्सी चालक को गाड़ी से नीचे ही नहीं उतारा गया। वहां पर मौजूद एक नर्सिंग स्टाफ ने प्राथमिक उपचार देने की कोशिश की और बाद में मृत घोषित कर दिया। उमाशंकर के साथी रोशन राव ने बताया कि एयरपोर्ट प्रबंधन का असहयोगात्मक रुख और अस्पताल में चिकित्सकीय स्टाफ की लापरवाही की वजह से उमाशंकर की जान गई है।
इधर, सिविल अस्पताल के प्रभारी डा. आशीष मेश्राम का कहना है कि चालक को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। डाक्टर हो सकता है कि थोड़े विलंब से पहुंचे हो, लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने चालक को देखकर बता दिया था कि रास्ते में ही मौत हो चुकी थी।