जीत की ऐसी रणनीति, भाजपा ने छत्तीसगढ़ में बनवाई मतदाताओं की भी कुंडली
रायपुर.छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार हार हाल में जीत चाहती है। यही वजह है कि भाजपा ने इस बार अलग तरह की रणनीति पर काम किया है। पहली बार भाजपा के राष्ट्रीय संगठन के निर्देश पर न सिर्फ अपने दावेदारों की कुंडली बनाने का काम किया है, बल्कि मतदाताओं की कुंडली गुजरात की तर्ज पर बनाने का काम किया गया है। इसके लिए दस लाख कार्यकर्ताओं काे झोंका गया। ऐसा करके भाजपा यह दावा कर रही है कि इस बार उनकी सरकार बनेगी। गुजरात में भी भाजपा ने एक-एक मतदाता की कुंडली बनाने के बाद बड़ी जीत प्राप्त की थी।
छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव काे लेकर भाजपा का राष्ट्रीय संगठन बहुत ज्यादा गंभीर है। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने खुद ही यहां की कमान संभाल रखी है। जब उन्होंने यहां की कमान नहीं संभाली थी, तब भी उनके निर्देश यहां पर कई तरह की रणनीति बनाई गई। एक सबसे बड़ी रणनीति ताे मतदाताओं की पूरी जानकारी काे एकत्रित करना रहा है। गुजरात में भाजपा ने पहली बार एक-एक मतदाता तक पहुंचने का काम किया, इसका फायदा भी भाजपा काे मिला है। अब भाजपा गुजरात का फार्मूला ज्यादातर राज्यों में अपना रही है।
10 लाख कार्यकर्ता झोंके
मतदाताओं की कुंडली बनाने का काम आसान नहीं है। इसके लिए बड़ी रणनीति बनाई गई। इस रणनीति के मुताबिक भाजपा ने 25 हजार बूथों में दस लाख कार्यकर्ताओं को झोंका । प्रदेश में करीब दाे करोड़ मतदाता हैं। 20 मतदाताओं के पीछे एक कार्यकर्ता रखा गया। हर बूथ में 30 से 50 कार्यकर्ताओं की टीम ने काम किया। हर बूथ के लिए पन्ना और पेज प्रभारी बनाए गए और उनको काम पर लगाया गया। हर बूथ में आठ सौ से 12 सौ तक मतदाता होते हैं। हर बूथ में आगे और पीछे के पेज को मिलाकर 60 मतदाता रहते हैं। ऐसे में हर बूथ में 13 से 20 पेज तक होते हैं। हर पेज के लिए, जिसमें 60 मतदाता हैं, भाजपा ने एक पन्ना प्रभारी और दो सहयोगी रखने का काम किया। इनका काम मतदाताओं के घरों तक जाकर उनसे बात करना और उनकी पूरी कुंडली तैयार करना था। कई माह की मशक्कत के बाद यह काम किया गया है।
भाजपा काे वाेट न देने का कारण भी जाना
भाजपा के कार्यकर्ता मतदाताओं के घरों तक गए और उनसे वन टू वन करके यह जानने का प्रयास किया कि कौन सा मतदाता भाजपा का है और कौन सा मतदाता भाजपा का नहीं है। जो मतदाता भाजपा के नहीं हैं, वे भाजपा के मतदाता क्यों नहीं हैं यह भी जानने का प्रयास किया गया। इसके बाद ऐसे मतदाताओं काे भाजपा की केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में बताने के साथ, छत्तीसगढ़ में भाजपा की 15 साल तक सरकार थी, तब यहां पर भाजपा सरकार ने क्या-क्या काम किए और जनता के लिए कौन सी योजनाएं बनाई, किस तरह से राज्य का विकास किया, उसकी जानकारी देने का काम किया है, इसके अलावा राज्य की कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी से भी मतदाताओं को अवगत कराया गया ताकि दूसरी पार्टी के मतदाता भी इस बार भाजपा काे वाेट कर सके। भाजपा की .यह रणनीति कितनी सफल होगी, यह तो चुनाव के नतीजे आने के बाद मालूम हाेगा, लेकिन भाजपा के सभी नेता जिस तरह से लगातार दावा कर रहे हैं कि इस बार भाजपा की सरकार बन रही है, उसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि भाजपा ने जो मतदाताओं की कुंडली बनाने का काम किया , उससे वह यह आंकड़े भी निकाल रही है कि किस सीट पर भाजपा काे जीत मिलेगी, किसी सीट पर भाजपा के हाथ जीत नहीं लगेगी।