छत्तीसगढ़ी के लिए हुवा राजधानी मे जोरदार प्रदर्शन
रायपुर. एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन एक दिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन तुता धरना स्थल मे आयोजित किया गया. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ी भाषा के विभिन्न मांगो को लेकर ये प्रदर्शन आयोजित किया गया. छात्र संगठन ने सरकार से मांग किया है कि छत्तीसगढ़ी भाषा स्कूली सिक्छा मे लागु करे, ज़ब राजभाषा छत्तीसगढ़ी बन चुकी है तो सरकार काम – काज कि भाषा बनाये. आठवीं अनुसूची के लिए राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार और गृह विभाग राजभाषा आयोग दिल्ली तक जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाये साथ ही जैसे सरकार योग दिवस, विभिन्न दिवस का आयोजन करती है उसी प्रकार 28 नवंबर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पूरा प्रदेश के सभी संस्थानों, स्कूलों कालेजों मे जलसा के रूप मे मनाये जाये. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग को भाषाई स्वरूप प्रदान कर छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग करके पुरे जिला ने इसका विस्तार किया जाये इसके साथ ही साथ एम ए छत्तीसगढ़ी डिग्रीधारी के लिए जो घोषणा विधानसभा मे कि गई है उसे अविलम्ब निकाल के पुरे डिग्रीधारियों को एक साथ रोजगार दिया जाये क्योंकि छत्तीसगढ़ी मे रोजगार विगत तेरह वर्षो मे आज तक नहीं हो पाई हैजिससे बहुत लोगो का उम्र के संग मनोविर्ति मे बदलाव हो रहा है. रास्ट्रीय सिक्छा नीति के तहत इसी वर्ष से स्कूली सिक्छा मे छत्तीसगढ़ी लागु किया जाये. पीएम श्री मे स्थानीय भाषा के तहत छत्तीसगढ़ी को जोड़ा जाये.. आगे साहू ने बताया कि लगातार हम छत्तीसगढ़ी के मांग को सरकार तक पहुंचाने का कार्य कर रहे उसके बाद भी अब तक छत्तीसगढ़ी के लिए कोई खास पहल सरकार कि ओर से नहीं कि हा रही है आज इस सत्र का स्कूल चालू हो गया परन्तु छत्तीसगढ़ी लागु नहीं है.. हमारा दुर्भाग्य है कि छत्तीसगढ़ी के इन सारी मांगो को लेकर हमें प्रदर्शन करना पड़ रहा है जबकि सरकार को स्वमेव इसे दिया जाना चाहिए. छात्र संगठन ने सरकार को सांकेतिक रूप से चेतावनी दिया है अगर इनके बाद भी सरकार मांगो को पूरा नहीं करती तो तीन करोड़ छत्तीसगढ़िया कि भाषा को मान दिलाने संगठन दुवारा सभी जिलों व राज्य स्तरीय प्रदर्शन किया जायेगा. आज के प्रदर्शन मे साहित्यकार दिनेश चौहान, डॉ हितेश अजय पटेल, विनय बघेल, पूजा परघनिया, आदिति गुप्ता, ओमप्रकाश, अनिल कुरै, यामिनी साहू, खोमन साहू, रोहित, विनोद, कविता, करुणा, गोविंदा, प्रकाश, मनोज यादव, खुमेश, परमेश्वर टंडन, नागेश्वर, नागेश वर्मा, रजत, मुकेश, राजेश के आलवा बड़ी संख्या मे छत्तीसगढ़ी डिग्रीधारी, भाषाप्रेमी मौजूद रहे.