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स्टालिन का “रीचिंग योर रूट्स” का तीसरा चरण 29 दिसंबर से होगा शुरू

चेन्नई,  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अनूठी पहल “रीचिंग योर रूट्स” का तीसरा चरण 29 दिसंबर को शुरू होगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न देशों के प्रवासी तमिलों को, उनके परिवारों और बच्चों को राज्य की संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने और तमिल जीवन शैली को समझने के लिए उनकी जड़ों के संपर्क में रहने में सक्षम बनाना है, जिससे वे सांस्कृतिक राजदूत बन सकेंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य विदेश में तमिल प्रवासी छात्रों को राज्य की समृद्ध विरासत, संस्कृति और परंपरा को समझने के लिए विभिन्न विरासत और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा कराना है।

यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने घोषणा किया है कि राज्य में अपनी जड़ों के साथ संबंधों को नवीनीकृत करने की पहल के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष 200 युवा छात्रों और तमिल बच्चों को तमिलनाडु के सांस्कृतिक दौरे के लिए चयन कर उन्हें राज्य में बुलाया जाएगा।

इसके आधार पर, अनिवासी तमिल कल्याण विभाग द्वारा “रीचिंग योर रूट्स (वर्गलाई थेडी)” के नाम से सांस्कृतिक यात्रा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम में अब तक कुल 157 तमिल युवाओं ने हिस्सा लिया है।

दिसंबर 2023 में आयोजित पहली यात्रा में ऑस्ट्रेलिया, फिजी, श्रीलंका और कनाडा के 57 युवा शामिल हुए और अगस्त 2024 में, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, ग्वाडेलोप, मार्टीनिक, फिजी, इंडोनेशिया, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, मालदीव, कनाडा, म्यांमार, मलेशिया, श्रीलंका, फ्रांस और जर्मनी के 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

राज्य में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों की उनकी यात्रा की व्यवस्था की गई, जो तमिलनाडु की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक गौरव के प्रति गहरी प्रशंसा और एक गहन अनुभव प्रदान करती है।

तमिल भाषा, तमिल संस्कृति, तमिल जीवन शैली और वास्तुकला के विभिन्न पहलुओं को वहां उजागर किया गया।

कार्यक्रम के पूरा होने पर, ये प्रतिभागी सांस्कृतिक राजदूत के रूप में कार्य करते हैं जो शिक्षा और व्यावसायिक सहयोग, तमिल भाषा शिक्षा और अन्य सांस्कृतिक प्रयासों के प्रसार सहित कई गतिविधियों के माध्यम से अपने-अपने देशों को तमिलनाडु से जोड़ने में सहायता करते हैं।

इसे जारी रखते हुए, यात्रा का तीसरा चरण 29 दिसंबर से 12 जनवरी, 2025 तक 15 दिनों की अवधि के लिए लागू किया जाएगा।

इस सांस्कृतिक दौरे के कार्यक्रम के भाग के रूप में, प्रतिभागियों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कई स्थलों पर ले जाया जाएगा, जिसमें कल्लनई बांध, तिरुवल्लुवर प्रतिमा, वीओसी स्मारक, कीलाडी पुरातात्विक स्थल, पंबन पुल, चित्तनवासल, कनाडु कथान पैलेस, सरस्वती महल पुस्तकालय, तंजावुर भगवान ब्रहदेश्वर मंदिर, धरासुरम मंदिर और मामल्लपुरम मंदिर, यूनेस्को विरासत स्थल शामिल हैं।

सांस्कृतिक दौरे कार्यक्रम में प्रतिभागियों के लिए कार्यशालाएं, सूचना सत्र और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी, वे 01 जनवरी, 2025 को कन्याकुमारी में तिरुवल्लुवर प्रतिमा के उद्घाटन के उपलक्ष्य में भव्य 25वीं वर्षगांठ समारोह में भी शामिल होंगे।

चेन्नई से शुरू होने वाली उनकी यात्रा तिरुचिरापल्ली, मदुरै, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, कराईकुडी और तंजावुर सहित लगभग 15 जिलों को कवर करेगी।

यह दौरा 11 और 12 जनवरी, 2025 को होने वाले ‘विश्व तमिल प्रवासी दिवस 2025’ के भव्य उत्सव में छात्रों के शामिल होने के साथ समाप्त होगा।

तमिलनाडु सरकार विदेश के उन तमिल युवाओं को आमंत्रित कर रही है जो इस यात्रा में भाग लेना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा।

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