बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की SIT करेगी जांच

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी। बवाल के दौरान तीन लोगों की जान चली गई थी जबकि कई घायल भी हुए थे। इस घटना को लेकर भाजपा की ओर से ममता सरकार की जमकर आलोचना की गई थी। ममता सरकार भी वक्फ कानून के खिलाफ लगातार बयान दे रही थीं। उन्होंने कहा था कि वह बंगाल में ये कानून लागू नहीं होने देंगी। इसके बाद से प्रदेश में लोग प्रदर्शन कर रहे थे और मुर्शिदाबाद में उग्र हो गए। हालांकि हिंसा की जांच अब SIT की नौ सदस्यीय टीम करेगी।
मुर्शिदाबाद हिंसा के दोषियों को शिकंजे में लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकार की ओर से हिंसा की जांच SIT को सौंप दी गई है। मुर्शिदाबाद कई कई इलाकों में वक्फ कानून के विरोध में 11-12 अप्रैल को हिंसा भड़क गई थी। कई जगह पर विरोध के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ की गई थी। जिले के सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाके में हिंसा भड़कने से हालात बिगड़ गए थे।
मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच को लेकर बंगाल में एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया गया है। टीम को डीआईजी मुर्शिदाबाद रेंज कॉर्डिनेट करेंगे। टीम में एसआईटी में इंटेलिजेंस ब्रांच के ASP, 2 डिप्टी सुप्रीटेंडेंट्स, CIF के काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स के सदस्य और और एक CID से अफसर समेत 5 निरीक्षक भी रहेंगे। इस जांच में सुंदरबन जिले के तहत साइबर अपराध पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी भी शामिल हैं। टीम हिंसा के कारणों और तथ्यों के अलावा दोषियों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार करेगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर मुस्लिम मौलवियों से मुलाकात की। इसके अलावा धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित करने में सहयोग करने को कहा। ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी। यह भी कहा था कि वह मुख्य सचिव से हिंसा को लेकर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहेंगी।
वक्फ कानून के विरोध के दौरान मुर्शिदाबाद में 11-12 अप्रैल को जमकर बवाल हुआ था। जिले के सुती, धुलियान और जंगीपुर में सड़क पर उग्र विरोध के दौरान तोड़फोड़ के साथ कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई थी। धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके में कथित तौर पर कई महिलाओं के उत्पीड़न की बात भी सामने आई है। बड़ी संख्या में हिंसा के कारण इलाके से विस्थापित होने की भी जानकारी सामने आई है।