पंजाब के किसानों को लाहौर भेज दूं? भगवंत मान ने आखिर ऐसा क्यों कहा
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को केंद्र पर हमला बोला और कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं देगी तो क्या वह उन्हें (किसानों) लाहौर भेजें। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में पंजाब के किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था।
हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीमेंट के बड़े पत्थर और अवरोधक लगा दिए थे। तब से ये किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
मान ने चुनावी राज्य हरियाणा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, खनौरी और शंभू में सीमा पर लोहे की कील और अवरोधक लगाकर बाधा पैदा की गई है, ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें। सत्ता का केन्द्र दिल्ली है इसलिए वे वहीं जाएंगे। अगर वे दिल्ली नहीं जाएंगे, तो क्या मैं उन्हें लाहौर भेज दूं।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल पहले भी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया था। उन्होंने कहा, कृषि कानूनों (अब निरस्त हो चुके) के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 726 किसानों की मौत हो गई थी।
इस बीच, हिसार के बरवाला में आयोजित एक कार्यक्रम में मान ने कहा कि हरियाणा के लोगों ने विभिन्न दलों को मौका दिया लेकिन उन सभी ने राज्य को लूटा।
आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा, यदि कोई चिकित्सक किसी बीमारी का इलाज नहीं कर पा रहा है तो चिकित्सक बदल देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब के मतदाताओं की तरह हरियाणा के लोगों को भी इस बार बदलाव के लिए वोट करना चाहिए। अपने संबोधन में मान ने राज्य सरकार की अनेक योजनाओं से लोगों को अवगत कराया।
मान ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 400 पार की बात की थी लेकिन अब वे सहयोगी दलों के सहयोग से अपनी सरकार चला रहे हैं।
मान ने कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा से हैं और उन्होंने देश की राजनीति की दिशा बदल दी है। उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा को भारी बहुमत मिला तो वह संविधान बदल देगी। शुक्र है कि उन्हें बहुमत नहीं मिला, वरना वे संविधान बदल देते।