लाइफ स्टाइलस्वास्थ्य

चौंकाने वाला खतरा ! 14-40 साल की उम्र वाली महिलाओं में बन रहा है पुरूषों का हार्मोन, तुरंत इलाज करना बेहद जरूरी

PCOS Health Problems: बदलती लाइफस्टाइल सेहत के लिए बिगड़ती लाइफस्टाइल बनती जा रही है। पुरूष हो या महिला हर कोई बढ़ते वजन और ढेर सारी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है। महिलाओं में प्रेग्नेंसी से पहले ही वजन में इजाफा होता जा रहा है। वजन का मेंटेन रहना जरूरी है लेकिन फिर भी बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से सेहत पर पीरियड्स और पीसीओएस जैसी समस्या बढ़ रही है।

हाल ही में कानपुर के ओब्स एंड गायनी और आईएसओपीएआरबी सोसाइटी की ओर से संयुक्त सेमिनार में पीसीओएस के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई। यहां पर महिलाओं में पीसीओस की ऐसी स्थिति हो गई है कि, महिला चिकित्सकों ने पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के बढ़ते मामलों को रोकने पर जोर दिया है।

जानिए क्या होता है PCOS

महिलाओं में होने वाली समस्या PCOS की बात की जाए तो, महिलाओं में एक सामान्य हार्मोनल विकार है, जो अंडाशय के कार्य को प्रभावित करता है। इसमें अंडाशय पर छोटे-छोटे सिस्ट का बनना, मासिक धर्म अनियमितता, और एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) के स्तर में वृद्धि को बढ़ा देता है। वहीं पर इसके लक्षणों की बात की जाए तो, अनियमित मासिक धर्म और पीड़ा, चेहरे और शरीर पर अधिक बाल,गर्भवती होने में बार-बार कठिनाई, लंबे समय तक सिररर्द और मुंहासे, खून की कमी और अत्यधिक कमजोरी की समस्या होती है।

यहां पर वरिष्ठ स्त्री रोग चिकित्सक डॉ. सीमा द्विवेदी के मुताबिक महिलाओं में एक आम हार्मोनल विकार है, जो प्रजनन आयु की महिलाओं में होता है। 60 फीसदी मामले 20-25 साल की आयु वाली युवती व महिलाओं में होते हैं। आईएसओपीएआरबी सोसाइटी अध्यक्ष वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम मिश्रा ने बताया कि पीसीओएस की चपेट में आने वाली 14-40 साल की उम्र वाली युवतियां और महिलाओं में मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन है, जिसमें महिलाओं में एंड्रोजन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है।

पुरुष हार्मोन स्तर बढ़ने से अंडाशय पर सिस्ट बन जाती हैं। व्यायाम न करना, मोटापा, देर तक जागना, देर से उठना, बाजार का ज्यादा खानपान का बढ़ता चलन इसका मुख्य कारण है।

कैसे रखें पीसीओएस की समस्या में ख्याल

आपको बताते चलें कि, पीसीओएस की समस्या युवतियों और महिलाओं में ज्यादा देखने के लिए मिलती है अगर सही समय पर इलाज नहीं मिले तो देरी हो जाती है। सही समय पर ध्यान न देने से आगे चलकर गर्भधारण में परेशानी और दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या से आराम पाने के लिए आप सही डाइट, एक्सरसाइज और दवाइयों का सेवन कर सकते है। हरी सब्जियां, फल, दालें और घर का बना खाना खाएं। जंक फूड और मीठी चीजों से बचें। रोज 30 मिनट टहलें, योग करें या हल्का व्यायाम करें।

अगर वजन ज्यादा है, तो इसे कम करने की कोशिश करें। इससे पीसीओएस के लक्षण कम हो सकते हैं। पीरियड्स अनियमित हैं या गर्भधारण में दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर से मिलें। कुछ महिलाओं को पीरियड्स नियमित करने के लिए दवा दी जाती है। इसके अलावा घरेलू तरीकों की बात करें तो मेथी और दालचीनी खाएं। ये शरीर में शुगर और हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। योग और मेडिटेशन करने से तनाव कम होता है और सेहत सुधारने के लिए ये फायदेमंद हो सकते हैं।

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