*शिखर पहारिया ने आईपीएस अधिकारी बिरदेव धोणे की गांव में लाइब्रेरी पहल के लिए 1,000 किताबें दान कीं*

बिरदेव की वायरल अपील “बुक्स भेजिए, बुके नहीं” का दिया सशक्त जवाबएक प्रभावशाली एकजुटता के रूप में, शिखर पहारिया ने नव नियुक्त आईपीएस अधिकारी बिरदेव धोणे की प्रेरणादायक पहल का समर्थन करते हुए 1,000 किताबें दान की हैं। बिरदेव अपने मूल गांव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक पुस्तकालय बना रहे हैं। वे कोल्हापुर जिले के कागल तहसील से यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले पहले व्यक्ति हैं।हाल ही में बिरदेव ने एक दिल छू लेने वाली अपील की थी कि शुभकामनाएं देने वाले लोग उन्हें फूलों के गुलदस्ते न भेजें, बल्कि किताबें भेजें—उनकी यह अपील पूरे देश में वायरल हो गई। उनकी इस सोच से प्रेरित होकर, शिखर ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और शैक्षणिक व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित किताबों का बड़ा संग्रह उनके गांव भेजा।बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले बिरदेव ने 2020 से 2021 के बीच पोस्टमैन के रूप में काम किया था और उसी दौरान यूपीएससी का सपना पाला। बाद में वे दिल्ली गए, जहां उन्होंने गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपने दृढ़ संकल्प से डटे रहे—और 27 वर्ष की उम्र में पहले ही प्रयास में आईपीएस अधिकारी बन गए।शिखर का यह दान केवल एक उपहार नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश है—एक साझा विश्वास कि शिक्षा, अवसर और सीखने की ताकत से ज़िंदगियाँ बदली जा सकती हैं। बिरदेव की यात्रा इसी सोच का जीवंत उदाहरण है।सोशल मीडिया पर इस पहल से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो खूब साझा किए जा रहे हैं, जहां नेटिज़न्स बिरदेव के विनम्र मिशन और शिखर के सार्थक सहयोग की भरपूर सराहना कर रहे हैं।