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लाइन लॉस, बिजली चोरी से दो हजार करोड़ का फटका, लगाम लगाने खर्च होंगे 28 सौ करोड़

रायपुर . अपने प्रदेश में लाइन लॉस पूरी तरह से बेलगाम है। राज्य के कई जिलों में 50 फीसदी से ज्यादा लाइन लॉस होता है। चाहकर भी इसको रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही है। छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी को हर साल लाइन लॉस और बिजली चोरी से करीब दो हजार करोड़ का झटका लगता है। यह झटका बिजली चोरी से ज्यादा लगता है। लाइन लॉस को कम करने और बिजली चोरी को रोकने की कवायद में पावर कंपनी ने 29 सौ करोड़ की योजना बनाई जिसे केंद्र सरकार से भी मंजूरी मिल गई है। सभी जिलों का टेंडर फाइनल होने के बाद कंपनी को सौ करोड़ बच भी रहे हैं। 2903 करोड़ का टेंडर 28 सौ करोड़ में फाइनल हुआ है। सभी जिलों में काम भी प्रारंभ हाे गया है। सबसे ज्यादा कवर्धा जिले में करीब 400 करोड़ खर्च होंगे। रायपुर के लिए 213 करोड़ की योजना है।
देश भर में लाइन लॉस कम करने की कवायद में केंद्र सरकार जुटी है। ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी की 2903 करोड़ की योजना को भी मंजूरी मिली है। इस योजना में केंद्र सरकार से 60 फीसदी पैसे मिलेंगे। 40 फीसदी खर्च पॉवर कंपनी करेगी। योजना में लाइन लॉस कम करने के लिए जहां बिजली की लाइनों को छोटा किया जाएगा, वहीं ट्रांसफार्मरों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। इसी के साथ खुले तारों के स्थान पर केबल लगाने का काम होगा, ताकि तारों में होने वाली हुकिंग को रोका जा सके। हुकिंग करके ही प्रदेश के कई जिलों में बिजली चोरी की जाती है।
कवर्धा में खर्च होंगे चार सौ करोड़
योजना को पॉवर कंपनी ने 31 जिलों में वहां की जरूरत के हिसाब से बांटकर खर्च तय किया है। इसमें सबसे ज्यादा कवर्धा जिले के लिए 397.03 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। कवर्धा में बिजली चोरी के कारण लाइन लॉस ज्यादा होता है। जानकारों की मानें तो यहां पर आधी बिजली चोरी हो जाती है। कवर्धा के बाद सरगुजा में 255.39 करोड़ खर्च हाेंगे। यहां भी करीब 50 फीसदी बिजली चोरी होती है। सूरजपुर में 194.39 करोड़, बलरामपुर में 132.94 करोड़, कोरबा में 111.30 करोड़, राजनांदगांव में 182.74 करोड़ और रायपुर में 213.33 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
नारायणपुर में होगा सबसे कम खर्च
जिन जिलों में ज्यादा लाइन लॉस नहीं है वहां सौ करोड़ से भी कम खर्च होंगे। ऐसे जिलों में सबसे कम 2.64 करोड़ नारायणपुर में खर्च होंगे। इसी तरह से 3.31 करोड़ बीजापुर, 11.19 करोड़ बालोद, 24.02 करोड़ गौरेला पेंड्रा, 39.78 करोड़ बस्तर, 71.00 करोड़ खैरागढ़, 58.63 करोड़ दुर्ग, 41.15 करोड़ बेमेतरा, 81.11 करोड़ गरियाबंद, 92.16 करोड़ बलौदाबाजार, 36.13 करोड़ जशपुर, 54.48 करोड़ कोरिया, 58.43 करोड़ जांजगीर चांपा, 56.64 करोड़ शक्ति, 33.44 करोड़ मुंगेली और 94.49 करोड़ सारंगढ़-बिलाईगढ़ में खर्च किए जाएंगे।

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