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केमिकल वाले भुने चने कर सकते हैं सेहत खराब, जानें कैसे चने खरीदने से बचें

बात जब भी हेल्दी ईटिंग की होती है तो लोग अपनी छोटी-मोटी भूख को शांत करने के लिए भुने हुए चने का सहारा लेते हैं। भुने चने में फाइबर, प्रोटीन,आयरन, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स व्यक्ति को कई रोगों से दूर रखने में भी मदद करते हैं। जिसकी वजह से बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। बाजार में भुने हुए चने की बढ़ती डिमांड को देखते हुए मुनाफाखोर भुने चनों में कुछ केमिकल्स का उपयोग करते हैं। ऐसे चनों का सेवन करने से व्यक्ति की सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचता है। ऐसे में अपनी सेहत और स्वाद को अच्छा बनाए रखने के लिए आइए जानते हैं कैसे करें केमिकल्स वाले भुने चनों की पहचान।

भुने चनों में मिलावट की पहचान कैसे करें?

-अगर भुने हुए चने का रंग जरूरत से ज्यादा पीला लग रहा हो, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। चने को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए मुनाफाखोर उसमें चमकीले पीले या दूसरे चटकीले रंग मिलाते हैं।

-चनों का आकार अगर नॉर्मल चनों की तुलना में बहुत अधिक बड़ा हो तो यह भी मिलावट का संकेत हो सकता है। ज्यादा पीले और मोटे साइज के चने में हानिकारक रंग औरामीन की मिलावट की जाती है। ये एक नॉन परमिटेड सिंथेटिक कलर है। जो खाने योग्य नहीं होता है। धीरे-धीरे इस केमिकल के शरीर में प्रवेश करने से कैंसर सेल्स विकसित हो सकता है।

-चनों को हाथ में लेने पर उनमें से सफेद रंग का पाउडर हाथ में लगना। बता दें, चने को ज्यादा चमकदार बनाने के लिए टैल्कम पाउडर या सोपस्टोन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।

-चने के स्वाद में बदलाव होना भी इसमें मिलावट का संकेत हो सकता है। चने की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उसमें नॉन फूड ग्रेड प्रीजर्वेटिव्स मिलाए जा सकते हैं।

कैसे चना खरीदें-

बाजार से चने खरीदते समय उसके रंग का खासतौर पर ध्यान रखें। यदि चने का रंग ज्यादा पीला है, तो सावधानी बरतें। इसके अलावा बहुत अधिक फूले और मोटे चने भी खरीदने से बचें। ऐसे चने अकसर केमिकल युक्त होते हैं।

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