सियासी गलियारा

कांग्रेस की पहली सूची के बाद विद्रोह ने बढ़ाई चिंता

भोपाल । कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन 144 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है, लेकिन इसके बाद विरोध और बगावत शुरू हो गई है। इस बीच, पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का द्वंद्व भी सामने आ गया। प्रदेश कांग्रेस के टिकट को लेकर नरयावली, उज्जैन ग्रामीण, शिवपुरी, दतिया, सिंगरौली और बुदनी के कार्यकर्ता नाराज हैं। यहां टिकट कटने से कई नेताओं ने दूसरी पार्टी ज्वाइन कर ली है। वहीं, कुछ ने पार्टी को दोबारा विचार करने के लिए समय दिया है। इस बीच चर्चा है कि शिवपुरी, पिछोर, दतिया सीट पर पार्टी प्रत्याशियों को लेकर दोबारा विचार कर सकती है।
प्रदेश कांग्रेस में भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल होने वाले कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट नहीं देने को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की लड़ाई कपड़े फाडऩे के बयान तक आ पहुंची। दरअसल, वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी से टिकट की मांग कर रहे थे। यहां से कांग्रेस ने पिछोर से विधायक केपी सिंह को टिकट दे दिया। इसका विरोध करने वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक भोपाल पहुंच गए। इसके बाद कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं के बीच नोकझोंक का मामला सामने आया। अब चर्चा है कि कांग्रेस शिवपुरी समेत दो से तीन सीटों पर दोबारा विचार कर सकती है।
सागर जिले की नरयावली विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। यहां कांग्रेस की सूची जारी होते ही कांग्रेस नेताओं ने बगावत शुरू कर दी। सागर से कार्यकर्ता भोपाल पहुंचे। उन्होंने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के सामने नरयावली सीट पर सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाने पर जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि तीन-तीन बार हारा प्रत्याशी नहीं चलेगा। कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी बदलने की मांग की है। साथ ही प्रत्याशी नहीं बदलने पर नुकसान उठाने की बात कही है।
सिंगरौली में कांग्रेस ने रेनू शाह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। यहां से दावेदारी कर रहे कांग्रेस पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष रामशिरोमणि शाहवाल ने पार्टी के निर्णय पर नाराजगी जताई। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी का नाम लिए बिना कहा कि जिनमें नेतृत्व की क्षमता नहीं होती है, उनको भी विधायक बनने का मौका मिल जाता है। उन्होंने कहा बुधवार को कहा कि पार्टी को अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि यदि समर्थक बोलेंगे तो जरूर चुनाव लडूंगा।
ग्वालियर में भी टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट ग्वालियर ग्रामीण से दावेदारी जता रहे यूथ कांग्रेस नेता केदार सिंह कंसाना ने भी बगावती तेवर अपनाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दूसरी पार्टी से चुनाव लडऩे का एलान भी कर दिया है। उन्होंने पार्टी द्वारा वर्तमान में घोषित किए गए प्रत्याशी पर भी कई आरोप लगाए हैं और कहा है कि जिन्होंने सर्वे किया उन्होंने ही सर्वे दबा दिए। पार्टी ने यहां से साहब सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है।  
दतिया में कांग्रेस ने भाजपा से आए अवधेश नायक को प्रत्याशी बनाया है। इसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। बड़ी संख्या में कर्यकर्ता भोपाल पहुंचे। यहां पर विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि टिकट नहीं बदलने पर वह प्रचार नहीं करेंगे। राजेंद्र भारती के समर्थन में उनमें समर्थकों ने नारेबाजी की।  
बुदनी में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने खड़े कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मस्ताल का विरोध शुरू हो गया है। टिकट घोषित होने के बाद ही कांग्रेस के कार्यकर्ता भोपाल में कमलनाथ के आवास पहुंचे और मस्ताल के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यहां पर 18 साल से कांग्रेसी संघर्ष कर रहा है। पार्टी ने दो महीने पहले पार्टी ज्वाइन करने वाले को टिकट दे दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि टिकट पर दोबारा विचार नहीं किया गया तो हम प्रचार नहीं करेंगे।
सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने बगावत कर बसपा ज्वाइन कर ली। उनको बसपा ने अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। कांग्रेस ने नागौद से डॉ. रश्मि सिंह को उम्मीदवार बनाया है। यादवेंद्र सिंह के बसपा से लडऩे से कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है।
उज्जैन उत्तर विधानसभा में कांग्रेस का टिकट होते ही कांग्रेस में बगावत का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र से माया त्रिवेदी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। माया त्रिवेदी का कई जगहों पर पुतला जलाया गया है। इसके चलते कई दावेदारों और उनके समर्थकों में नाराजगी है। उज्जैन उत्तर विधानसभा की प्रत्याशी माया राजेश त्रिवेदी का कंठाल, कोयला फाटक, आगर नाका और कांग्रेस ऑफिस सहित कई जगह पुतले जलाए गए हैं।

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