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आरबीआई ने अहमदाबाद के इस बैंक को दिया 440 वॉल्ट का झटका, कैंसिल कर दिया लाइसेंस

मुंबई : देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने आज अहमदाबाद के इस बैंक को जोरदार झटका दिया है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि, आरबीआई ने बुधवार को अहमदाबाद में स्थित कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है क्योंकि इस बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल और कमाई की कोई भी गुंजाइश नहीं हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने बयान में कहा कि गुजरात सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर, प्रत्येक डिपॉजिटर्स जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम यानी डीआईसीजीसी से सिर्फ 5 लाख रुपये की मॉनिटरी कैपिटल तक अपनी डिपॉजिट अमाउंट पर इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट प्राप्त करने का हकदार होगा।

रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने आगे कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 98.51 प्रतिशत डिपॉजिटर्स डीआईसीजीसी से अपनी सेविंग अमाउंट की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 31 मार्च, 2024 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के डिपॉजिटर्स को 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। लाइसेंस रद्द करने के पीछे की वजह बताते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।

सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के अंतर्गत कुछ आवश्यकताओं का पालन करने में भी विफल रहा है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक का जारी रहना डिपॉजिटर्स के हितों के लिए हानिकारक है। अपनी वर्तमान फाइनेंशियल कंडीशन के साथ बैंक अपने डिपॉजिटर्स को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।

रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने यह भी कहा कि यदि बैंक को अपना बैंकिंग बिजनेस आगे भी जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लाइसेंस रद्द होने के बाद, सहकारी बैंक बुधवार यानी 16 अप्रैल, 2025 को कारोबार बंद होने से बैंकिंग व्यवसाय कारोबार बंद कर देगा। बैंकिंग बिजनेस में अन्य चीजों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है।

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