हमर छत्तीसगढ़

युक्तियुक्तकरण: जैतपुरी और सारंगपुरकला प्राथमिक विद्यालयों में हुई नियमित शिक्षकों की नियुक्ति

कबीरधाम जिले में अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

रायपुर . छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति का असर कबीरधाम जिले में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। जिले के शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में अब शिक्षकों की नियमित नियुक्ति हो चुकी है, जिससे दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। युक्तियुक्तकरण से जिले के कवर्धा विकासखंड के जैतपुरी और बोड़ला विकासखंड के सारंगपुरकला जैसे प्राथमिक स्कूलों जो पहले शिक्षक विहीन थे, उनमें अब नियमित शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं। पहले इन विद्यालयों में संलग्नीकरण के माध्यम से शिक्षक की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब युक्तियुक्तकरण के बाद वहां शिक्षकों की पदस्थापना की जा चुकी है।

     कबीरधाम के जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में 02 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन एवं 111 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय तथा 07 पूर्व माध्यमिक शाला और 05 हाईस्कूल एकल शिक्षकीय थे। युक्तियुक्तकरण से इन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी गई है। जिले में प्राथमिक शालाओं में 202 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 31 शिक्षक और हाई स्कूल-हायर सेकेंडरी स्कूलों में 43 व्याख्याता अतिशेष थे, जिनका  युक्तियुक्तकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि कबीरधाम जिले में 02 प्राथमिक शाला का समायोजन किया गया है। युक्तियुक्तकरण से विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता के साथ ही एक ही परिसर में विद्यालय होने से आधारभूत संरचना मजबूत होगी और स्थापना व्यय में भी कमी आएगी।

        कबीरधाम जिले में 1609 स्कूलों में से 1607 स्कूल यथावत संचालित रहेंगी। सिर्फ 02 स्कूलों का समायोजन किया गया है, जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम थी और पास में बेहतर विकल्प मौजूद थे। एक ही परिसर में स्थित विद्यालयों को समाहित किया गया है। इसके साथ ही अतिशेष शिक्षकों का समायोजन कर एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन विद्यालयों में पदस्थापना की गई है। युक्तियुक्तकरण से लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और बच्चों की पढ़ाई में गुणवत्ता के साथ ही निरंतरता भी बनी रहेगी। । अच्छा लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा तथा बच्चों के ड्रॉपआउट दर में भी कमी आएगी।

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