सियासी गलियाराहमर छत्तीसगढ़

CM ना बनकर भी रमन की कम नहीं हुई ताकत

रायपुर. छत्तीसगढ़ में 15 साल सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी ने 5 साल कांग्रेस की सरकार के बाद साल 2023 में एक बार फिर वापसी की है इस वापसी के साथ प्रदेश को नया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के रूप में मिल गया है। 3 बार मुख्यमंत्री रमन सिंह को अब विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर डॉ रमन सिंह का कद घट जाएगा? आइए समझते हैं की छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब आगे रमन सिंह की क्या भूमिका हो सकती है।‌

क्या सीएम नहीं बनने पर घट‌ गया डॉ रमन का कद? छत्तीसगढ़ में चाउर वाले बाबा के नाम से चर्चित तीन बार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है। मुख्यमंत्री नहीं बनाने के साथ ही चर्चाएं खूब होने लगी कि आखिर अब डॉ रमन का क्या होगा। लेकिन प्रदेश में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ही पदों पर सबसे पहले सहमति डॉ रमन की रही है। क्योंकि विष्णुदेव साय‌ जिन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया गया है वह डॉ. रमन सिंह के बेहद ही करीबी हैं। इसके साथ ही विजय शर्मा वह शख्स हैं जिन्हें विधानसभा का टिकट मिलने के पीछे की वजह भी डॉ रमन सिंह ही बताए जाते हैं।

सूत्रों की माने तो ऐसी खबर है कि विजय शर्मा का डिप्टी सीएम नाम को लेकर डॉ रमन सिंह ने ही पहली चर्चा‌ थी।‌ वहीं दूसरी तरफ अरुण साव जिन्हें भी डिप्टी सीएम बनाया गया है। वह भी संगठन‌ और डॉ रमन सिंह की पहली सहमति पर ही बने हैं।‌ लेकिन अरुण साव पहले से ही चर्चा में थे, ऐसे में उन्हें डिप्टी सीएम पद मिलना लगभग तय था। लेकिन विजय शर्मा बेशक डॉ रमन सिंह की सहमति पर डिप्टी सीएम बने गए हैं।‌

रमन के साय करीबी तो विजय बेहद ही प्रिय

विष्णुदेव साय जिनको लेकर यह साफ माना जा रहा था कि यही वह शख्स हैं जिन्हें अगर सीएम बनाया गया तो रमन का कद प्रदेश में और बढ़ जाएगा।‌ क्योंकि साय‌ जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तब भी उनके बेहद करीबी माने जाते थे।‌ डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान विष्णुदेव साय भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

इसके साथ ही विजय शर्मा जिन्हें पार्टी ने छत्तीसगढ़ का डिप्टी सीएम बनाया है उसके पीछे की वजह डॉ रमन ही माने जा‌ रहे हैं।‌ विजय शर्मा भी कवर्धा जिले से आते हैं और डॉक्टर रमन सिंह का गृहग्राम भी कवर्धा है। विजय डॉ रमन सिंह के संरक्षण में राजनीति की कक्षा लिया करते थे। जब डॉ रमन प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब से विजय‌ शर्मा कवर्धा में उनकी गैर मौजूदगी में क्षेत्र रमन के प्रिय‌ के रूप में चर्चा थे। इसलिए यह कहना बिल्कुल गलत है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा किसी अन्य को बनाए जाने से प्रदेश में उनकी राजनीति पर असर पड़ेगा। यह साफ माना जा सकता है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का पार्टी हाई कमान का फैसला प्रदेश में डॉ रमन सिंह से होकर ही गुजारा है।

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