अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह, PM मोदी बोले- मंदिर भारत के लिए एक नई उम्मीद का प्रतीक
नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह सोमवार को भव्य और ऐतिहासिक ढंग से संपन्न हुआ। इस समारोह में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। समारोह का मुख्य आकर्षण रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा थी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत सुबह 9 बजे से हुई। सबसे पहले, भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। इसके बाद, मंत्रोच्चार के बीच मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा की गई।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद, भगवान राम की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह से बाहर निकाला गया और श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए दिया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान राम के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अयोध्या में उत्साह का माहौल था। शहर के सभी मार्गों को फूलों से सजाया गया था। मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार सहित कई अन्य नेता और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर भारत के लिए एक नई उम्मीद का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक आस्था का केंद्र बनेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण एक लंबे संघर्ष के बाद हुआ है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर भारत की संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। यह समारोह भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करने में मदद करेगा।