राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा, लोकसभा चुनाव में लगाई थी ‘कुर्सी पर शर्त’; नाराज भी थे
तमाम कयासों के बाद आखिरकार राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही उनके इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। मीणा ने सात सीटों का जिक्र करते हुए दावा किया था कि अगर बीजेपी इनमें से एक भी सीट हार गई तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही उनके इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। चुनाव का रिजल्ट जारी होने के ठीक एक महीने बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मीणा ने मंत्रीपद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंप दिया है। मीणा ने एक टीवी चैनल को खुद यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मुझसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस्तीफा देने से मना किया था, लेकिन मैं सभी पदों से इस्तीफा दे चुका हूं। किरोड़ी लाल मीणा 10 दिन पहले अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं, लेकिन इसका ऐलान उन्होंने आज किया। कहा, ‘मैं अपने वादों से नहीं मुकरता।’ दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही उनके इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।
किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रोड शो के लिए दौसा आए थे तब उन्होंने उन्हें 7 सीटों की जिम्मेदारी दी थी। तब मीणा ने कहा था कि अगर इन सात सीटों में से एक भी सीट हार गए तो वह कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। मीणा जिन 7 सीटों की बात कर रहे थे उनमें दौसा, टोंक सवाई माधोपुर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा और जयपुर ग्रामीण शामिल थीं। इनमें से 4 सीटों पर भाजपा की हार हुई है।
नतीजों के दिन जब 4 सीटों पर भाजपा हार गई और सोशल मीडिया पर उनके इस्तीफे की चर्चाएं चलने लगीं तो उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई।” इसके बाद फिर किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे के कयास लगने शुरू हो गए थे।
अपने इस्तीफे के ऐलान के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने एक्स पर श्रीरामचरितमानस की वही दो लाइन दोहराई हैं, जो उन्होंने 4 जून को लोकसभा रिजल्ट जारी होते वक्त लिखी थीं। मीणा ने लिखा, ‘रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाई पर बचन न जाई।’
बताया जा रहा है कि उन्हें जो मंत्रालय मिला था, उससे उनके समर्थक खुश नहीं थे। सूत्रों की मानें तो किरोड़ी लाल भी किसी बड़े विभाग और मंत्रालय की उम्मीद में थे। लोकसभा चुनाव के दौरान यह बात भी चर्चा में आई थी कि दौसा सीट से किरोड़ी लाल अपने भाई के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने कन्हैयालाल मीणा को टिकट दे दिया।