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उत्तराखंड समान नागरिक संहिता बिल में प्रावधान.
नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता महिलाओं के लिए अच्छा कानून बताया जा रहा है. इस कानून को लेकर धामी ने कहा कि, यूसीसी मातृशक्ति की सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा, संपत्ति में उत्तराधिकार, भरणपोषण को लेकर है. साथ में बुजुर्गों के लिए भी सहायता और सुरक्षा वाला कानून है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को ‘समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक’ पारित हो गया. यह कई मायनों में खास है.
- UCC में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी सख्त प्रावधान हैं. उत्तराखंड में अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी कर दिया गया है. हालांकि जनजातियों पर यह नियम लागू नहीं होगा.
- समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक’ के मुताबिक लिव-इन रिलेशनशिप को अगर खत्म करना है तो भी इसकी जानकारी देगी होगी.
- USS के मुताबिक बिना बताए 1 महीने से ज्यादा लिव-इन में रहने पर 3 महीने जेल की सजा या 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.
- लिव-इन में रहने के इच्छुक 21 साल से कम उम्र के 21 साल के लड़के और लड़कियों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अपने माता-पिता की परमिशन लेनी होगी.
- लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान अगर बच्चे का जन्म होता है,तो उसे वैध माना जाएगा. रिश्ता टूटने पर महिला कोर्ट जाकर गुजारा भत्ता मांग सकती है.