दिल्ली में जहां नमाज पर हुआ था बवाल वहां कांवड़ कैंप का विरोध? क्या है पूरा सच
सोशल मीडिया में वायरल कुछ वीडियो में ऐसा दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के इंद्रलोक में जहां सड़क पर नमाज को लेकर बवाल हुआ था, अब वहां के मुसलमान कांवड़ कैंप का विरोध कर रहे हैं। इसके चलते उस स्थान से कांवड़ शिविर को शिफ्ट करना पड़ा है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस पर सारी स्थिति स्पष्ट करते पूरा कन्फ्यूजन भी दूर कर दिया है।
सावन महीना शुरू होते ही दिल्ली में जगह-जगह कांवड़ शिविर लगने शुरू हो गए हैं। दिल्ली सरकार राजधानी में इस बार कुल 185 कांवड़ शिविर लगा रही है। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले कांवड़ियों के लिए इन शिविरों में सभी तरह के जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
दरअसल, वायरल वीडियो में इंद्रलोक के निवासी सुलेमान ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा था कि जब साल में सिर्फ दो बार महज आधे घंटे के लिए सड़कों पर होने वाली नमाज पर ऐतराज जताया जा रहा था तो हम भी अब इस सड़क पर कांवड़ शिविर नहीं लगने देंगे। उन्होंने कहा कि नमाज पर विवाद के वक्त कोई इस कुछ नहीं बोला था। कानून सभी के लिए एक है और सभी को इसका पालन करना होगा।
इंद्रलोक में कांवड़ शिविर के विरोध वाले वायरल वीडियो के दावे पर पूरी स्थिति साफ करते हुए उत्तरी जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि पुरानी जगह से महज 20 मीटर की दूरी पर दूसरी जगह इंद्रलोक इलाके में ही कांवड़ शिविर लगाया जा रहा है। मूल स्थान वाली जगह पर कांवड़ शिविर लगने से सड़क की दोनों लेन पर यातायात बाधित हो जाता था।
इंद्रलोक इस कारण पहले भी चर्चा में रहा
गौरतलब है कि, इसी साल मार्च महीने में उत्तरी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में ‘जुमे की नमाज’ के दौरान सड़क पर नमाज अदा कर रहे कुछ लोगों को एक पुलिसकर्मी द्वारा कथित तौर पर लात मारने की घटना को लेकर बवाल हो गया था। यह घटना इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के पास हुई थी। इस मामले में लात मारने वाले सब-इंस्पेक्टर को बाद में सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि, कांग्रेस और बसपा सहित कई राजनीतिक दलों ने आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की थी। वहीं, इंद्रलोक की घटना पर महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह से कहा था कि इस तरह की घटनाओं से वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब होगी।