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सीट शेयरिंग से पहले यूपी में प्रेशर पॉलिटिक्स?

एसपी का साथ छोड़कर बीजेपी में आए ओपी राजभर एक बार फिर प्रेशर पॉलिटिक्स में जुट गए हैं. राजभर ने पहले बलिया से बीजेपी प्रत्याशी पर सवाल उठाए और अब अलग पूर्वांचल राज्य का राग अलाप रहे हैं. सीट बंटवारे को लेकर भी राजभर की प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है. सवाल ये है कि बीजेपी एक सीट से राजभर को कैसे मनाएगी. क्या राजभऱ एक बार फिर चुनाव से पहले बीजेपी के साथ खेला करेंगे.

नाव से पहले एक दो दिन में योगी कैबिनेट का विस्तार होने वाला है. ओपी राजभर का मंत्री बनना तय है. NDA में शामिल हुई RLD और SBSP के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक SBSP से एक जबकि RLD से 2 मंत्री और बीजेपी में लौटे दारा सिंह चौहान समेत 2-3 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी.

यानी लम्बे इंतजार के बाद राजभर फिर मंत्री बनेंगे लेकिन लगता है कि चुनावी मौके पर चाचा एक बार फिर प्रेशर गेम खेल रहे हैं. पहले बलिया से बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र कुशवाहा पर सवाल खड़े किए और अब पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने का दांव खेल रहे हैं.

राजभर की राजनीति और तिकड़म !

राजभर की राजनीति को समझना मुश्किल है. कभी साइकिल पर सवार रहे राजभर अब यूपी में कमल खिलाने उतरे हैं लेकिन उनके दिमाग में क्या है वो उनके सिवाय कोई नहीं जानता. कभी पीएम मोदी और अमित शाह की तारीफों के पुल बांध रहे हैं. तो कभी बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल देते हैं और खुद सीएम बनने का दम भरने लगते हैं. सवाल ये है कि क्या चुनाव से पहले राजभर एक बार फिर प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. दरअसल बीजेपी, राजभर को सिर्फ एक लोकसभा सीट घोसी से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. जबकि राजभर चाहते हैं कि SBSP को गाजीपुर, घोसी और सलेमपुर सीट मिले. हालांकि बीजेपी ने सलेमपुर सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. अब राजभर चाहते हैं कि उन्हें कम से कम 2 सीटें मिलें. मंत्रिमंडल में जगह और विधान परिषद सीट को लेकर भी राजभर तिकड़म लगा रहे हैं.

इतना ही नहीं राजभर बिहार में भी एक लोकसभा सीट चाहती है. पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने और सीएम बनने का ख्वाब पाले बैठे राजभर की चाहत बड़ी है. यही वजह है कि चुनाव से पहले अपने फायदे के लिए वो कभी इधर तो कभी उधऱ पाला बदल लेते हैं. चुनाव से पहले एक बार फिर उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स से बीजेपी प्रेशर में है.

बलिया के सिकंदरपुर में आयोजित महारैली में राजभर ने जिस तरह के तेवर दिखाए. उसे देखकर तो यही लगता है कि बीजेपी को उन्हें साधने में मुश्किल होगी. विधानसभा चुनाव के वक्त जब राजभऱ समाजवादी पार्टी के गठबंधन में थे. तब पीएम मोदी और योगी पर जमकर हमले बोले थे. इसी वजह से योगी उनसे नाराज थे. लेकिन फिलहाल चुनाव सामने है लिहाजा पार्टी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती. क्योंकि पूर्वांचल में पार्टी का गणित बिगड़ सकता है.

मौजूदा वक्त में राजभर की पार्टी के 6 विधायक हैं. गाजीपुर, बलिया, घोसी, सलेमपुर समेत कई सीटों पर राजभर वोटर्स का प्रभाव है. यही वजह कि ओपी राजभर उछल रहे हैं और सियासी दांव खेल रहे हैं.

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